
आर्मेनिया और ईरान ने संयुक्त सैन्य अभ्यास को अंजाम दिया है। यह दो दिवसीय युद्धाभ्यास दोनों देशों की सीमावर्ती इलाकों में आयोजित किया गया था। इस अभ्यास में आर्मेनिया और ईरान के स्पेशल फोर्सेज ने आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया। आर्मेनिया और ईरान पड़ोसी देश हैं, जिनके आपसी संबंध मजबूत हैं।
ईरान और आर्मेनिया ने गुरुवार को अपनी सीमा पर दो दिवसीय संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन किया। यह युद्धाभ्यास तब हो रहा है, जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ संबंध गंभीर तनाव से गुजर रहे हैं। वहीं, आर्मेनिया का अपने चिर प्रतिद्वंद्वी अजरबैजान के साथ सीमा पर तनाव जस के तस बना हुआ है। आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों के स्पेशल फोर्सेज को शामिल करते हुए अभ्यास, देशों की दूरस्थ 44 किमी (26 मील) साझा सीमा के दोनों ओर होने थे। इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष सीमा चौकियों पर “नकली आतंकवादी समूहों द्वारा हमलों” का जवाब देने का अभ्यास करेंगे।
ईरान ने बताया सैन्य अभ्यास का उद्देश्य –
ईरान के सरकारी मीडिया ने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के एक अधिकारी के हवाले से कहा, “इन अभ्यासों का उद्देश्य दोनों देशों के साझा हितों के आधार पर सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करना है।” आर्मीनिया, जो हाल के वर्षों में पश्चिम के करीब चला गया है, फिर भी ईरान के साथ मधुर संबंध बनाए रखता है। वहीं, ईरान अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर पश्चिमी देशों के साथ गतिरोध में लगा हुआ है।
आर्मेनिया-अजरबैजान में पुराना विवाद – पड़ोसी अजरबैजान और तुर्की के साथ आर्मेनिया की सीमाएं तीन दशकों से भी ज़्यादा समय से बंद हैं, जिससे ईरान के साथ इसकी पहाड़ी सीमा का आर्थिक महत्व बढ़ गया है। ईरान का सीमा क्षेत्र अजरबैजान के साथ आर्मेनिया के अपने तनावों में सबसे आगे है। आर्मेनिया और अजरबैजान नागोर्नो-करबाख के क्षेत्र को लेकर लगभग चार दशकों से संघर्ष में उलझे हुए हैं। अज़रबैजान ने मांग की है कि आर्मेनिया उसे सीमा क्षेत्र के माध्यम से एक गलियारा प्रदान करे, जो बाकू को उसके नखचिवन और उसके सहयोगी तुर्की के एक्सक्लेव से जोड़े।
आर्मेनिया-अजरबैजान में जारी है तनाव – आर्मेनिया और अजरबैजान दोनों ने पिछले महीने कहा था कि उन्होंने अपने संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक शांति संधि के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है, लेकिन तब से दोनों देश सीमा पर गोलीबारी के लिए एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं। हाल के वर्षों में आर्मेनिया ने पश्चिम के साथ संबंधों को गहरा किया है, क्योंकि पारंपरिक सहयोगी रूस के साथ संबंधों में खटास आ गई है। कुछ अर्मेनियाई लोगों ने रूस पर अज़रबैजान से उनकी रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
Home / News / ईरान और आर्मेनिया का संयुक्त सैन्य अभ्यास, सिर्फ अमेरिका-इजरायल ही नहीं, अजरबैजान भी बेचैन
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