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कताइब हिज्बुल्ला का अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ हमले रोकने का फैसला, ईरान को लगा बड़ा झटका!


इराक में सबसे शक्तिशाली ईरान समर्थित मिलिशिया कताइब हिज्बुल्ला ने अमेरिकी सेना के खिलाफ अपने सैन्य अभियान को निलंबित करने की घोषणा की है। कताइब हिज्बुल्ला ने ये चौंकाने वाला फैसला रविवार को ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने और दर्जनों अन्य के घायल होने के दो दिन बाद लिया है। जॉर्डन-सीरिया सीमा के पास अपने मिलिट्री बेस पर ड्रोन हमले के बाद अमेरिका ने इसके पीछे कातिब हिज्बुल्ला के होने का शक जाहिर किया था।
कताइब ने एक बयान में कहा, हम इराकी सरकार को शर्मिंदगी से बचाने के लिए अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ सैन्य और सुरक्षा अभियानों को निलंबित करने की घोषणा कर रहे हैं। हम अन्य तरीकों से गाजा में अपने लोगों की रक्षा करना जारी रखेंगे।हम फ्री हिज़्बुल्ला ब्रिगेड के बहादुर लड़ाकों को सलाह देते हैं कि अगर उनके खिलाफ अमेरिका की ओर से कोई शत्रुतापूर्ण कार्रवाई होती है तो वे निश्चित रूप से उसका जवाब दें। साल 2003 में इराक पर अमेरिकी सेना के हमले के बाद बना कताइब हिज्बुल्ला ईरान के सबसे करीबी इराकी सशस्त्र गुटों में से एक है। यह इराक में इस्लामी रेजिस्टेंस में सबसे शक्तिशाली सशस्त्र गुट है, शियाओं के इस गुट ने अक्टूबर में गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिकी सेना पर 150 से अधिक हमलों का दावा किया है। ऐसे में निश्चित ही इस ग्रुप का लड़ाई से हटना ईरान के लिए एक झटका हो सकता है।
अमेरिका ईरान पर लगाता रहा है मदद का आरोप – अमेरिका और इराकी अधिकारियों का कहना है कि इराक में मिलिशिया गुटों को ईरान का समर्थन प्राप्त है। हालांकि ईरान सीधे तौर पर इसको नहीं कबूलता है। इराक के ये ग्रुप लगातार अमेरिकी सेना पर गोलीबारी कर रहे हैं। अमेरिका ने भी जवाबी कार्रवाई की है। हाल के महीनों में इस क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों और ठिकानों पर हमलों के जवाब में अमेरिका ने कताइब हिज्बुल्ला और दूसरे समूहों को निशाना बनाकर इराक और सीरिया में कई हमले किए हैं। हालांकि अमेरिका की जवाबी कार्रवाई के बाद भी उसके ठिकानों को निशाना बनाया जाना जारी है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अक्टूबर के बाद से मध्य पूर्व में अमेरिकी सैनिकों पर लगभग 166 बार हमले हुए हैं।