
कोरोना वायरस (covid-19) के कहर से दुनिया बेहाल है। अब तक दुनियाभर में दो लाख 87 हजार लोग कोरोना महामारी (Coronavirus Death) से मारे गए हैं। इस बीच वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कोरोना वायरस आंखों (Coronavirus Eyes Infection) के रास्ते बहुत तेजी से शरीर में घुस रहा है।
किलर कोरोना वायरस बहुत तेजी से आंखों के जरिए हमारे शरीर में घुस रहा है। अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि आंखों की कोशिकाओं की सतह पर ACE-2 नाम के रिसेप्टर पाए जाते हैं, जो किसी कोशिका में संक्रमण का ‘गेटवे’ समझे जाते हैं। कोरोना का वायरस इन्हीं के जरिए शरीर के अंदर आता है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकले ड्रॉपलेट्स स्वस्थ इंसान की आंखों की सतह पर पहुंचते हैं, तो वहां से वायरस शरीर में घुस सकता है। इसी कारण से कोरोना के शिकार कई मरीजों में आंखें लाल दिखीं। आंसुओं से भी यह वायरस फैल सकता है। इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ हांग कांग के शोध से पता चला है कि आंखें इंसान के शरीर कोरोना वायरस के घुसने का बड़ा स्रोत बन गई हैं।
शोध के मुताबिक सार्स और बर्ड फ्लू की तुलना में कोरोना वायरस मुंह, नाक और आंखों से 100 गुना ज्यादा तेजी से शरीर में घुस रहा है। प्रयोगशाला में हुई जांच में पता चला है कि कोविड-19 के वायरस का लेवल सार्स की तुलना में इंसान को आंखों से ज्यादा तेजी से संक्रमित कर रहा है। लांसेट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर माइकल चान की टीम उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने इस बात के सबूत पाए हैं कि कोरोना वायरस आंखों से इंसान के शरीर में घुस रहा है।
डॉक्टर चान ने बताया कि उनकी टीम ने हमने इंसान की श्वसन प्रणाली और आंखों की कोशिकाओं की जांच की। हमने पाया कि SARS-Cov-2 वायरस इंसान की आंख और ऊपरी श्वसन तंत्र के रास्ते सार्स और बर्ड फ्लू से भी ज्यादा तेजी से संक्रमित कर रहा है। संक्रमण की यह दर 80 से 100 गुना ज्यादा है।’ उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि आंखों और श्वसन तंत्र से कोरोना वायरस सार्स की तुलना में ज्यादा तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
‘आंखें कोरोना के इंसान में संक्रमण का एक बड़ा स्रोत’
चान ने कहा कि शोध से यह भी पता चला है कि आंखें कोरोना वायरस के इंसान में संक्रमण का एक बड़ा स्रोत हैं। इस शोध में लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपनी आंखों को न छूएं और थोड़े-थोड़े अंतराल पर अपने हाथों को साबुन से धोते रहें। इससे पहले हांग कांग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया था कि कोरोना वायरस स्टील, प्लास्टिक और जमीन पर 7 दिनों तक जिंदा रह सकता है। बता दें कि दुनियाभर में 2 लाख 87 लोगों लोग कोरोना वायरस से मारे गए हैं। अमेरिका इस महमारी का सबसे बड़ा गढ़ बन चुका है और वहां पर 81 हजार लोगों की कोविड-19 से मौत हो गई है और 13,85,834 लोग इस महामारी से संक्रमित हैं।
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