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दुनिया पर छोड़ी छाप… रतन टाटा के निधन पर क्या कह रही पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन की मीडिया


टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। हाल ही में तबीयत खराब होने के बाद उनको हॉस्पिटल लाया गया था। 86 वर्षीय रतन टाटा की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया था कि वह नियमित चिकित्सा जांच के लिए एडमिट हुए हैं।
भारत के बड़े कारोबारियों में से एक रतन नवल टाटा का निधन हो गया है। रतन टाटा ने बिजनेसमैन के तौर पर दुनियाभर में एक पहचान बनाई थी और उनको कई बड़े पुरस्कार भी मिले थे। ऐसे में उनके निधन की भारत ही नहीं विदेश की मीडिया में भी चर्चा है। पाकिस्तान, अमेरिका, ब्रिटेन के प्रमुख अखबरों में उनकी मौत की खबर प्रमुखता से आई है। विदेशी मीडिया ने उनको भारत के सफल कारोबारी के तौर पर याद किया है, जिसने दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ी।
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने टाटा समूह ने रतन टाटा की मौत की खबर देते हुए लिखा है कि उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल अधिग्रहणों के साथ एक मजबूत और विशाल भारतीय समूह को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। खबर में बताया गया है कि कैसे रतन टाटा ने कम उम्र में ही कारोबार को संभाला और परिवार की विरासत को शानदार तरीके से आगे बढ़ाया।
ब्रिटेन और अमेरिका में भी चर्चा – ब्रिटिश अखबार द सन ने रतन टाटा की मौत की खबर को शीर्षक दिया है- ‘अरबपति जगुआर, लैंड रोवर और टेटली टाइकून रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन’। द सन ने अपनी खबर में बताया है कि रतन टाटा भारत के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे जाने-पहचाने कारोबारियों में से एक थे। उनका टाटा समूह, प्रतिष्ठित ब्रिटिश मोटर ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर का मालिक है। टाटा ग्रुप का समूह का वार्षिक राजस्व 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का है। सन ने टाटा ग्रुप के ब्रिटेन में प्रभाव की बात अपनी रिपोर्ट में प्रमुखता से की है।
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने रतन टाटा की मौत से जुड़ी रिपोर्ट में बताया है कि कैसे 1991 से 2012 तक कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी रहने के दौरान उन्होंने मुनाफा 50 गुना बढ़ाया और दुनिया में कंपनी का नाम बनाया। सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रतन टाटा 1937 में पारसी परिवार में जन्मे थे। उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से स्नातक किया था। वह 1962 में भारत लौटे और परिवार की कंपनी को संभाला, जिसकी स्थापना 1868 में रतन टाटा के परदादा जमशेदजी टाटा ने की थी।
‘टाटा ने भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया’ – अरब जगत के बड़े मीडिया समूह खलीज टाइम्स ने रतन टाटा को इंडस्ट्री लीजेंड और नेशनल आईकॉन कहा है। अखबार ने लिखा है कि रतन टाटा लाइसेंस प्राप्त पायलट थे, जो कभी-कभार कंपनी का विमान उड़ाते थे। टाटा ने कभी शादी नहीं की और वह अपने शांत व्यवहार, अपेक्षाकृत संयमित जीवनशैली और परोपकारी कार्यों के लिए जाने जाते थे।
बांग्लादेश के द डेली स्टार ने लिखा है कि रतन टाटा भारत के सबसे सम्मानित बिजनेस दिग्गजों में से थे। वह अपनी विनम्रता और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए जाने जाने वाले टाटा ने अपने परिवार के उद्यम को एक वैश्विक समूह में बदल दिया, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक परिदृश्य को गहराई से प्रभावित किया।