
ब्रिटेन के लॉ-मेकर्स ने फेसबुक पर डाटा की निजता और प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है। ब्रिटेन की डिजिटल, कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट्स कमेटी की ओर से डाटा प्राइवेसी पर सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक जैसी कंपनियों को ऑनलाइन वर्ल्ड में डिजिटल गैंगस्टर की तरह व्यवहार कर रहा है और उसे इसकी छूट नहीं दी जानी चाहिए। ऐसी कंपनियां खुद को कानून से ऊपर समझती हैं। ब्रिटेन की कमेटी का कहना है कि उसने जकरबर्ग और उनके अधिकारियों के ई-मेल की पड़ताल की।
फेसबुक ने ऐप डेवलपर्स को डेटा ट्रांसफर करने के लिए यूजर की प्राइवेसी की अनदेखी की थी। ब्रिटेन के लॉ-मेकर्स का कहना है कि फेसबुक के ई-मेल की समीक्षा करने पर यह बात सामने आई कि उसने जानबूझकर नियम तोड़े। फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने उनके सामने पेश नहीं होकर संसद की अवमानना की है। गलत जानकारी और डेटा प्राइवेसी के मुद्दे पर पिछले साल 27 नवंबर को फेसबुक से ब्रिटेन समेत 7 देशों के कानूनविदों को पूछताछ करनी थी। लेकिन, जकरबर्ग खुद पेश नहीं हुए थे। कमेटी को फेसबुक के आंतरिक दस्तावेज पिछले साल ऐप कंपनी सिक्स 4थ्री के जरिए हासिल हुए थे।
सिक्स4थ्री ने कैलिफॉर्निया में फेसबुक के खिलाफ मुकद्दमा किया था। फेसबुक ने ब्रिटेन की रिपोर्ट में लगे आरोपों को गलत बताया है। उसने दिसंबर में यह भी कहा था कि सिक्स4थ्री की ओर से लीक किए गए दस्तावेजों में सिर्फ एक पक्ष बताया गया है। पिछले साल मार्च में सामने आए कैंब्रिज एनालिटिका डेटा लीक के बाद अमेरिका समेत दुनियाभर की सरकारों ने फेसबुक के खिलाफ जांच की थी। ब्रिटेन के इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ऑफिस ने फेसबुक पर 6.46 लाख डॉलर (करीब 5 करोड़ रुपए) का जुर्माना भी लगाया था।
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