यूरोप की अंतरिक्ष संस्था यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने पहली बार यू-ट्यूब पर मंगल ग्रह से लाइव स्ट्रीमिंग की है। इस स्ट्रीमिंग की एतिहासिक लाइव तस्वीरें भी सामने आई हैं। इस वजह से लोगों को मौका मिला है कि वह इस लाल ग्रह को करीब से देख सके हैं। इन तस्वीरों को अंतरिक्ष संस्था ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। #MarsLive के साथ पोस्ट तस्वीरों से मंगल ग्रह का एक अनदेखी झलक देखने को मिली है। यूरोपियन अंतरिक्ष संस्था ने मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर के लॉन्च के 20वीं सालगिरह के मौके पर लाइव स्ट्रीमिंग का आयोजन किया था। इस मिशन का मकसद मंगल ग्रह की सतह की तीन आयामों वाली तस्वीरों को और ज्यादा विस्तृत रूप में हासिल करना था।
पहली बार आईं ऐसी तस्वीरें – जर्मनी के डार्मस्टेड में ईएसए के मिशन कंट्रोल सेंटर पर तैनात जेम्स गॉडफ्रे ने इस पर एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, ‘आम तौर पर ऐसा होता है कि मंगल ग्रह से आने वाली फोटो को देखा जाता है जिन्हें कुछ समय पहले लिया गया था। लेकिन अब हम रीयल टाइम में इस ग्रह को देख सकेंगे और जितना हो सकेगा उतना इस ग्रह के करीब हो सकेंगे।’ उनका कहना था कि लाइव स्ट्रीमिंग में किसी ने भी मंगल ग्रह की ऐसी तस्वीरें नहीं देखी थीं।
ईएसए का कहना है कि अक्सर लाल ग्रह के डेटा और इसका ऑब्जर्वेशन तब होता है जब कोई अंतरिक्ष यान पृथ्वी के सीधे संपर्क में नहीं होता। इसलिए फोटोग्राफ्स को तब तक इकट्ठा किया जाता है जब तक कि उन्हें वापस नहीं भेजा जाता।
22 मिनट में कहीं भी मैसेज – अंतरिक्ष से फोटो आना इस बात पर निर्भर करता है कि मंगल और पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षाओं में कहां स्थित हैं। ऐसे में अंतरिक्ष के जरिए यात्रा करने वाले संदेश तीन से 22 मिनट तक के समय में कहीं भी भेजे जा सकते हैं।ईएसए ने अनुमान लगाया था कि मंगल से पृथ्वी तक सीधे यात्रा करने के लिए फोटोग्राफ्स को तैयार होने में करीब 17 मिनट लगेंगे और फिर लाइव स्ट्रीम शुरू करने के लिए पृथ्वी पर तारों और सर्वरों के जरिए एक और मिनट लगेगा।
बैकग्राउंड से गायब तारे – अंतरिक्ष संस्था ने अपने बयान में कहा है,’ध्यान दें कि हमने पहले कभी ऐसा कुछ भी करने की कोशिश नहीं की है इसलिए जमीन पर सिग्नल के लिए सटीक यात्रा समय थोड़ा अनिश्चित रहता है।’ संस्था के वैज्ञानिक कॉलिन विल्सन ने कहा कि फोटोग्राफ्स के बैकग्राउंड में कोई भी तारे नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि मंगल ग्रह काफी चमकीला है।
A new image will appear every ~50 seconds, each taking about 16 mins to reach Earth from Mars.
— ESA Operations (@esaoperations) June 2, 2023
Two experts, Simon Wood @marwood82 and Jorge Hernandez-Bernal @jorgeherber will be on hand for the hour to answer questions in the chat.
See you there!#MarsLIVE pic.twitter.com/m4iVWmqsgz