
पाकिस्तान इस वक्त दो बड़ी आपदाओं से गुजर रहा है। एक और कोरोना वायरस ने करीब 2 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है, तो दूसरी ओर टिड्डों के हमले ने देश की अर्थव्यवस्था पर खतरा पैदा कर दिया है। दोनों समस्याओं का पुख्ता इलाज भले ही देश को न मिला हो लेकिन तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता रियाज फतयाना ने टिड्डों को ही कोरोना का इलाज घोषित कर दिया है।
‘टिड्डे बढ़ाते हैं क्षमता’
रियाज ने कहा है कि ऐसा माना जाता है कि टिड्डे खाने से कोरोना वायरस ठीक किया जा सकता है। उन्होंने मांग की है कि इस दिशा में और रिसर्च किया जाना चाहिए। रियाज ने देश की नैशनल असेंबली में कहा, ‘ऐसा साबित हो चुका है कि वायरस के खिलाफ टिड्डे क्षमता बढ़ाते हैं, इसलिए अगर इस बारे में रिसर्च होती है तो देश महामारी से खुद ही निपट लेगा और सरकार को ज्यादा कोशिश करने की जरूरत नहीं होगी।’
देश में करीब 2 लाख मामले
इससे पहले एक टीवी चर्चा के दौरान इमरान की मंत्री जरताज गुल ने कहा कि COVID-19 का मतलब है कि इसके 19 पॉइंट्स हैं जो किसी भी मुल्क में किसी भी तरीके से अप्लाई हो सकता है और अपनी इम्यूनिटी को डिवेलप करें। पाकिस्तान में एक लाख 90 हजार 340 लाख लोग इन्फेक्शन के शिकार हो चुके हैं और 3,792 लोगों की मौत हो चुकी है।
दूसरे देशों से मांगनी पड़ी मदद
पाकिस्तान में टिड्डों के कारण हालात इतने खराब हो चुके हैं कि इसे नैशनल इमर्जेंसी घोषित किया जा चुका है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांगी गई है। हर तरह फसल को हो रहे नुकसान से खाने कमी का खतरा पैदा हो गया है। वहीं, रेवेन्यू देने वाली कपास और गेहूं की फसलों को होने वाले नुकसान से आर्थिक संकट भी गहराने लगा है। संयुक्त राष्ट्र के फूड ऐंड अग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक अगर पाकिस्तान में 25% फसलों को भी नुकसान हुआ, तो देश को 5 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। कम फसलों से कीमतें बढ़ने की भी आशंका है।
कोरोना वायरस से ज्यादा है खतरा
चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के अडवाइजर अहमद जवाद का कहना है कि पाकिस्तान को कोरोना वायरस से ज्यादा खतरा टिड्डों से है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है। सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने निर्देश दिया है कि 132 मिलियन रुपये के कोरोना फंड को भी टिड्डों से निपटने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। देश के खाद्य सुरक्षा और शोध मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल (फसल सुरक्षा) फलक नाज के मुताबिक देश में करीब 5.7 करोड़ हेक्टेयर इलाके में टिड्डे फैल चुके हैं जबकि इसमें से फसल वाला इलाका 2.3 करोड़ हेक्टेयर का है। चिंता की बात यह है कि टिड्डे तेजी से फैलते जा रहे हैं। नाज ने बतया है कि सरकार चार एयरक्राफ्ट और एक दर्जन सेना के हेलिकॉप्टरों से क्रॉप-डस्टिंग करा रही है। किसान ढोल बजाकर, ट्रैक्टरों के सहारे टिड्डों को भगाने की कोशिश कर रहे हैं।
रात के वक्त दबोचे जाते हैं टिड्डे
पाकिस्तान के खाद्य मंत्रालय के खुर्शीद और बायोटेकनॉलजिस्ट जौहर ने किसानों को सिखाया है कि कैसे टिड्डों को पकड़कर जानवरों का चारा बनाया जा सकता है। पंजाब के ओकारा जिले में फसलों पर कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसलिए इन्हें खाने वाले टिड्डे नुकसानदायक नहीं होते। यही देखते हुए इन दोनों ने इस जिले को चुना और फिर किसानों से बातचीत की। रात के वक्त टिड्डे पेड़-पौधों पर झुंड बनाकर बिना किसी हरकत के बैठ रहते हैं। इसी वक्त उन्हें पकड़ लिया जाता है। एक किलो टिड्डों को 20 रुपये में बेचा जाता है।
सोयाबीन की जगह काम आ रहे टिड्डे
एक किसान ने बताया कि एक बार में उन्होंने अपने बेटे के साथ 1,600 रुपये के टिड्डे पकड़ लिए। धीरे-धीरे ये तरीका लोगों में इतना फैल गया कि प्रशासन के पास भुगतान के लिए पैसे नहीं बचे और प्रॉजेक्ट को रोक दिया गया लेकिन मंत्रालय ने अब ऐलान किया है कि इसे दोबारा दूसरी जगहों पर भी शुरू किया जाएगा। इकट्ठा किए गए टिड्डे पाकिस्तान में जानवरों का दाना बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी हाई-टेक फीड को दिए गए। आमतौर पर सोयाबीन से मुर्गियों के दाने बनाए जाते हैं लेकिन कंपनी ने इसमें 10% टिड्डों को मिला दिया। अभी प्रोटीन के लिए सोयाबीन का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें 45% प्रोटीन होता है जबकि टिड्डों में 70%। इन्हें खाने के लिए तैयार करने में भी ज्यादा खर्च नहीं करना होता क्योंकि इन्हें सिर्फ पकड़कर सुखाना होता है। भले ही इससे फसलों को होने वाला नुकसान न बचाया जा सकता हो, आर्थिक संकट झेल रहे किसानों की मदद हो जाती है। प्रशासन का कीटनाशकों पर होने वाला खर्च भी कम हो जाता है।
पाकिस्तान में कई राजनेता कोरोना से संक्रमित
पाकिस्तान में कोरोना वायरस के कहर से आम जनता तो परेशान है ही, लेकिन वहां के राजनेता भी इससे अछूते नहीं हैं। कोरोना संक्रमित होने वाले पाकिस्तानी राजनेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, शाहिद खाकन अब्बासी, नवाज शरीफ के भाई और विपक्षी पार्टी मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख शहबाज शरीफ भी शामिल हैं। वहीं, एक प्रांतीय मंत्री समेत कम से कम चार सांसदों की मौत कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हो चुकी है।
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