
नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने मालदीव में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ‘भूमि को हथियाने’ के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के आरोप को सोमवार को ‘झूठा एवं दुष्प्रचार’ करार देकर खाारिज कर दिया।
चीन का नाम लिए बगैर नशीद ने ‘एक बड़ी, उभरती ताकत’ पर इस द्वीप (मालदीव) में जमीन हथियाने और उसकी संप्रभुता खरीदने का आरोप लगाया था। चीनी दूतावास के प्रवक्ता काउंसलर जी रोंग ने नशीद के बयान का खंडन करते हुए एक बयान जारी किया।
उन्होंने कहा कि हाल ही में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने भारतीय मीडिया में ढ़ेर सारे झूठी बातें कहीं। जी ने कहा कि नशीद ने चीन और मालदीव के बीच व्यावहारिक सहयोग पर अंगुलियां उठाईं और आरोप लगाया कि चीन मालदीव में तथाकथित रूप से जमीन हथियाने में लगा है जिससे ङ्क्षहद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा कमजोर हुई है। ये आरोप बेबुनियाद हैं और उसके पक्ष में कोई तथ्य नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि हाल के वर्षों में परस्पर सम्मान, समानता और परस्पर लाभ के आधार पर चीन और मालदीव बुनियादी ढांचे, आजीविका परियोजनाओं में सहयोग कर रहे हैं। इसकी मालदीव की अर्थव्यवस्था में बढ़ाने और लोगों की आजीविका मे सुधार लाने में सकारात्मक भूमिका रही है।
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