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कश्‍मीर मामले का जिक्र, पड़ोसी की पुरानी आदत…पाकिस्‍तान ने घाटी को बताया गाजा जैसा तो भारत ने जमकर लताड़ा


भारत ने एक बार फिर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्‍तान को बार-बार गलती करने का आदी करार दिया है। पाकिस्‍तान ने इजरायल और फिलिस्‍तीन संघर्ष के बीच ही कश्‍मीर का मसला उठाया था। इस पर यूएन में भारतीय राजनयिक की तरफ से पाकिस्‍तान को आईना दिखाया गया है। भारत की तरफ से पाकिस्‍तान की टिप्‍पणी का जवाब देना भी वाजिब नहीं समझा गया। पाकिस्‍तान की तरफ से कहा गया था कि जिस तरह से इजरायल, फिलिस्‍तीन में लोगों की आजादी को दबा रहा है, ठीक उसी तरह से भारत भी कश्‍मीर में कश्‍मीरियों की आवाज सुनने से इनकार कर रहा है। इस पर ही भारत की तरफ से पाकिस्‍तान को करारा जवाब दिया गया है।
‘मेरे देश का अभिन्‍न अंग’ – भारत के अधिकारी ने यूएनएससी में कहा कि भारत, इजरायल फिलिस्‍तीन मसले का शांतिपूर्ण और दीर्घकालिक समाधान चाहता है। इसके बाद उन्‍होंने कहा, ‘मैं खत्‍म करूं उससे पहले मैं उस टिप्‍पणी का जिक्र करना चाहता हूं जो एक प्रतिन‍िधिमंडल की तरफ से बिल्‍कुल किसी पुरानी आदत की तरह था। इसमें उन संघ शासित प्रदेशों का जिक्र था जो मेरे देश का आतंरिक और अभिन्‍न अंग हैं। मैं ऐसी टिप्‍पणियों को अवमानना का प्रयास मानता हूं और इन पर जवाब देकर इन्‍हें कोई सम्‍मान नहीं देना चाहता हूं।’ यूएन में पाकिस्‍तान के स्‍थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने तीन दिन पहले गाजा नरसंहार का जिक्र करते हुए कश्‍मीर पर बयान दिया था। उन्‍होंने कश्‍मीर की स्थितियों को गाजा की तरह बताया था।
क्‍या कहा था पाकिस्‍तान ने – मुनीर अकरम ने कहा था कि सुरक्षा परिषद पर विश्व शांति को बढ़ावा देने की प्राथमिक जिम्मेदारी है। वह गाजा में नरसंहार को रोकने में विफल रही है। यह ठीक उसी तरह से जिस तरह से यह भारत के अवैध कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में नरसंहार और अत्‍याचार को नहीं रोक पाई है। मुनीर अकरम की मानें तो कब्जे वाले फिलिस्तीन में इजरायल की तरह भारत के नौ लाख सैनिक ने कश्मीरियों की आजादी की लड़ाई को बेरहमी से दबाने की कोशिश की है। उनकी मानें तो यह कश्मीर के लिए आखिरी समाधान का अशुभ संकेत है।
एक महीने पहले ही की थी बोलती बंद – एक महीने पहले ही पाकिस्‍तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल-हक-काकर ने भी महासभा में कश्‍मीर का मसला उठाया था। तब भी भारत ने पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया था। भारत ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सबसे बड़ी संख्या में यह देश आतंकियों को पनाह देता है। अभी तक इस देश ने 26/11 के आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। बल्कि उन्‍हें सुरक्षा मुहैया कराई हुई है। भारत की तरफ से कहा गया था कि सबसे पहले सीमा पार आतंकवाद को रोकें और आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को तुरंत बंद करें। दूसरा, दूसरा, अवैध और जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों को खाली करें।