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भारत के राफेल से टेंशन में पाक, चीन से मांगी मिसाइलें और J-10 फाइटर जेट


भारतीय वायुसेना में राफेल फाइटर जेट के शामिल होने से पाकिस्तान बुरी तरह घबराया हुआ है। पाकिस्तान के डर का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि वह अभी से अपने सदाबहार दोस्त चीन से मिसाइल और फाइटर जेट देने की मिन्नतें करने लगा है।
भारतीय वायुसेना में राफेल फाइटर जेट के शामिल होने से पाकिस्तान बुरी तरह घबराया हुआ है। पाकिस्तान के डर का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि वह अभी से अपने सदाबहार दोस्त चीन से मिसाइल और फाइटर जेट देने की मिन्नतें करने लगा है। पाकिस्तानी एयरफोर्स ने चीन से 30 की संख्या में J-10CE फाइटर जेट और आधुनिक एयर टू एयर मिसाइल की मांग की है।

10 साल पहले ही पाक ने मांगा था यह फाइटर
पाकिस्तान ने साल 2009 में ही चीन से J-10CE फाइटर जेट की मांग की थी। लेकिन, तब चीन और पाकिस्तान ने जेएफ-17 फाइटर जेट बनाने का काम शुरू कर दिया। इसके कारण यह डील परवान न चढ़ सकी। अब भारत के पास राफेल आने के बाद इस डील को लेकर पाकिस्तान और चीन के बीच फिर बातचीत शुरू हो गई है।

इन फाइटर जेट और मिसाइलों को खरीद रहा है पाक
पाकिस्तान ने चीन से जे -10 CE लड़ाकू विमानों के अलावा हवा से हवा में मार करने वाली शार्ट रेंज की पीएल-10 और लंबी दूरी की पीएल-15 मिसाइलों की डिमांड भी की है। चीन ने इसी जहाज को भारत के खिलाफ होटान एयरबेस पर तैनात किया है। अमेरिका से भारत की बढ़ती करीबी के कारण पाकिस्तान के पास अब आधुनिक हथियारों के लिए चीन का ही सहारा है।

कितना शक्तिशाली है चीन का जे-10
चीन का चेंगदू जे-10CE पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के J-10 फाइटर जेट का निर्यात संस्करण है। यह एक मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है, जो किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। वजन में हल्का होने के कारण इस फाइटर जेट को ऊंचाई वाले इलाकों में भी आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है। एक बार में यह विमान 1,850 किलोमीटर उड़ान भर सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड मैक 1.8 है।

राफेल जेट से घबराया चीन, लद्दाख के पास तैनात किए J-20 स्‍टील्‍थ लड़ाकू विमान

ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनॉलिस्ट Detresfa के मुताबिक इन जे-20 लड़ाकू विमानों को हाल ही में लद्दाख बॉर्डर पर तैनात किया गया है। चीन के पास कुल 40 जे-20 फाइटर जेट हैं। यही नहीं ड्रैगन उत्‍तर भारत से सटे अपने इलाकों में हवाई ताकत को लगातार मजबूत करने में जुट गया है। चीन ने अपने भारत से लगे हवाई ठिकानों पर परमाणु बम गिराने में सक्षम विमानों से लेकर हमलावर ड्रोन विमान तक तैनात कर दिए हैं। यही नहीं चीन नए एयरबेस भी बना रहा है। चीन भारत से सटे अपने 13 एयरबेस को लगातार अपग्रेड करने में जुटा हुआ है। चीन के ये एयरबेस भारत के लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के भारतीय इलाकों से सटे हुए हैं।

चीन ने भारत से कुछ ही दूरी पर स्थित सैन्‍य ठिकाने पर DF-26 मिसाइलों को भी तैनात किया है। चीन ने लद्दाख से सटे अपने काशी एयरबेस पर जे 11, जेएच7 और ड्रोन विमानों को तैनात कर रखा है। वहीं होटान एयरबेस पर चीन ने जे11, जे 7, अवाक्‍स और ड्रोन विमानों को तैनात किया है। नागरी बेस पर चीन के जे11 और ड्रोन विमान तैनात हैं। इसके अलावा चीन तशकुर्गान और केरिया में दो और एयरबेस बना रहा है। इसी तरह से चीन भारत के पूर्वोत्‍तर से सटे अपने इलाके में स्थित हवाई ठिकानों को न केवल लगातार अपग्रेड कर रहा है, बल्कि नए एयरबेस भी बनाने में लगा हुआ है। चीन ने सिक्कित और अरुणाचल की सीमा के पास स्थित श‍िगत्‍से हवाई अड्डे पर एच 7 बमवर्षक विमान और जे 11/10, अवाक्‍स और ड्रोन विमान तैनात किए हैं। इसी तरह से गोनग्‍गर और गोलमुड हवाई ठिकानों पर लड़ाकू विमान तैनात कर रखे हैं।

भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ (रिटायर्ड) के मुताबिक, राफेल से चाइनीज जे- 20 का मुकाबला तो दूर, वह राफेल की खूबियों के सामने इतना बौना है कि दोनों की तुलना करना ही बेमानी है। पूर्व एयर चीफ का कहना है कि राफेल फाइटर जेट्स, चीन के जे- 20 विमानों से बहुत ज्यादा आला दर्जे के हैं। उन्होंने राफेल की खूबियां गिनाते हुए कहा कि यह इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर टेक्नॉलजी के लिहाज से दुनिया में सर्वोत्तम है, इसमें Meteor मिसाइल लगे हैं जो रेडार से गाइड होते हैं और जे बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टु एयर मिसाइल (BVRAAM) हैं। भारत के राफेल में हवा से जमीन पर मार करने वाले बेहद घातक हथियार SCALP हैं जो पहाड़ी और ऊंचाई वाले इलाकों में चीन के पास उपलब्ध हर किसी हथियार पर भारी पड़ने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि अगर चीन के साथ युद्ध की नौबत आती है तो राफेल बिना संदेह पूरा खेल बदल देगा। उन्होंने कहा, ‘अगर भारतीय वायुसेना दुश्मन के हवाई सुरक्षा को भेदने में कामयाब हुई तो होटन और गोंगर एयर बेस पर चीनी युद्ध विमानों का नेस्तनाबूद होना तय है। उन्होंने कहा कि होटन में चीन के 70 विमान और ल्हासा में एक चीनी सैनिकों द्वारा निर्मित एक सुरंग स्थित गोंगर एयरबेस पर करीब 26 विमान हैं। धनोआ ने कहा कि होटन एयरबेस पर तो चीन के सभी 70 विमान यूं ही खुले में पड़े हैं और उनकी कोई सुरक्षा नहीं है।

पूर्व एयर चीफ धनोआ ने कहा कि पांचवीं पीढ़ी के चीनी जे- 20 विमान भी ताकतवर है, लेकिन राफेल और एसयू- 30एमकेआई के सामने उसकी एक नहीं चलने वाली। उन्होंने कहा कि चीन से मुख्य खतरा उनका जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। उन्होंने कहा कि चीनी विमान कितने भरोसेमंद हैं, इसका अंदाजा 27 फरवरी, 2019 को पाकिस्तानी कार्रवाइयों से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय सीमा में घुसकर अटैक करने के लिए सिर्फ एफ- 16 विमान का इस्तेमाल किया था जो अमेरिकी विमान है। उसने चीन के AWACS को दक्षिण में लागाया था जबकि उत्तर में उसने स्वीडिश सिस्टम को तैनात कर रखा था।

राफेल ही नहीं, इन मिसाइलों से पाक की चिंता बढ़ी
पाकिस्तान केवल भारत के राफेल लड़ाकू विमानों से परेशान नहीं है। बल्कि, उसकी चिंता मीटिओर, माइका जैसे मिसाइलों से भी बढ़ी है। इसके अलावा पाकिस्तान भारत के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद से भी परेशान है। पाकिस्तानी एयरफोर्स वर्तमान में अपने 124 जेएफ-17 फाइटर जेट पर ही निर्भर है। इसके अलावा उसके पास 40 से भी कम संख्या में एफ -16 और मिराज फाइटर जेट हैं।