न्यूयार्कः जिंदगी में कई बार एेसा होता है कि कोई चीज खो जाती है तो उम्मीद टूटने के बाद जब वो मिलती है तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता। मगर कोई खोई हुई चीज 7 दशक बाद मिले तो खुशी का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ है अमरीका के ज्योर्जिया में रहने वाले रॉय रोट्स के साथ । करीब सात दशक पहले जो पर्स (वॉलेट ) उन्होंने खो दिया था, उन्हें अब जाकर मिला है। यही नहीं, उसमें वे तमाम जरूरी कागजात भी थे, जो उस वक्त वॉलेट में थे जब वह गुम हुआ था।
रोट्स अब 100 साल के हो चुके हैं। मगर जिस दिन उनका पर्स खोया, उस दिन से जुड़ी हर बात उनके मन में इतनी ताजा है । रोट्स ने बताया वह इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर थे और उनका काम हवाई जहाज की जांच करना था। उस दिन वह कैलिफोर्निया में थे। दूसरा विश्व युद्ध छिड़ा था। सब एक हवाई जहाज पर सवार थे। तभीउसे ख्याल आया कि उसके पास उसका पर्स नहीं है। उसने प्लेन पर सवार हर एक शख्स की तलाशी ली, मगर वह कही नहीं मिली।
‘फॉक्स 5’ की रिपोर्ट के मुताबिक, रॉय रोट्स की जेब से फिसला वॉलेट एडगर वॉरेन बर्ड्स को मिला। दिलचस्प बात यह है कि एक अमरीकी नागरिक की वॉलेट यूरोपीय शख्स के हाथ लगी थी। यह करिश्मा कैसे हुआ, पता नहीं। जिस वक्त बर्ड्स को रोट्स का पर्स मिला, वह इंग्लैंड के डर्बीशायर स्थित रॉयल एयरफोर्स में कार्यरत थे।रोट्स के वॉलेट में उनका ड्राइविंग लाइसेंस था। यानी उन्हें पर्स लौटाना वॉरेन बर्ड्स के लिए मुश्किल नहीं था। वह लाइसेंस में लिखे नाम और पते पर उस वॉलेट को भेज सकते थे। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
ऐसा भी नहीं था कि उन्होंने किसी गलत इरादे से रोट्स का पर्स अपने पास रख लिया हो। क्योंकि अगर ऐसा होता तो वह बरसों तक उस बटुए को संभाल कर नहीं रखते, पैसे निकालकर उसे फेंक देते। एडगर वॉरेन बर्ड्स ने ना सिर्फ उस वॉलेट को हिफाजत से रखा बल्कि अपनी अगली दो पीढ़ियों तक उसे आगे भी बढ़ाया। वॉरेन ने वह पर्स अपने बेटे को दिया और उनके बेटे ने वह पर्स उनकी पोती को । वॉरेन अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनकी पोती ने ही रोट्स को उनका पर्स लौटाया। हालांकि, बर्ड्स ने पर्स खुद क्यों नहीं लौटाया और उसे सहेजकर रखने के पीछे उनका इरादा क्या था यह अब राज़ बनकर रह गया है।