
हज के पहले दिन हाजी काबा का तवाफ करते हुए सात बार काबा की परिक्रमा करते हैं। इसके बाद सफा और मरवा नाम की दो पहाड़ियों के बीच सात चक्कर लगाए जाते हैं। कहा जाता है कि पैगंबर इब्राहिम की पत्नी हाजिरा अपने बेटे इस्माइल के लिए पानी की तलाश में सात बार सफा और मरवा की पहाड़ियों के बीच चली थीं।
हज के लिए दुनियाभर के 16 लाख से ज्यादा मुसलमान इस समय सऊदी अरब में हैं। इस साल हज 14 जून से शुरू हुआ है। सऊदी में शनिवार को बकरीद होगी। ईद के एक दिन पहले हाजी अराफात की पहाड़ी पर पहुंचे हैं। अराफात पर जाने को हज यात्रा का एक मुश्किल अनुष्ठान माना जाता है। हाजी मक्का से करीब 20 किलोमीटर दूर 230 फीट की चट्टानी पहाड़ी पर चढ़कर दुआ करते हैं, जहां पैगंबर मोहम्मद ने अपना आखिरी उपदेश दिया था। सऊदी के रेगिस्तान इलाकों में इस साल 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है, जिससे हाजियों और खासतौर से बुजुर्गों के लिए मुश्किल पैदा हो रही है।
सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि हज का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हुआ है। हज यात्रियों को मीना भेजने करने की प्रक्रिया तय कार्यक्रम के अनुसार की गई। प्रवक्ता ने कहा कि पवित्र यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों और हज की शांति में खलल डालने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक 160 फर्जी हज सेवा प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया है, जबकि इकामा नियमों का उल्लंघन करने वाले 6,135 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
अराफात की पहाड़ी का इस्लाम में महत्व – मक्का के दक्षिण-पूर्व में स्थित ये पहाड़ी इस्लाम के मानने वालों के बीच बहुत अहमियत रखती है। अराफात का दिन, जैसा कि वार्षिक तीर्थयात्रा के दूसरे दिन को कहा जाता है, इस्लाम में इसका बहुत महत्व है। अराफात का उल्लेख कुरान में किया गया है और कहा जाता है कि यहीं पर पैगंबर मुहम्मद ने अपने आखिरी हज पर अपना अंतिम उपदेश दिया था। इस्लामा के मानने वाले ऐसा विश्वास करते हैं कि अराफात का दिन साल का सबसे पवित्र दिन होता है, जब अल्लाह गुनाहों की माफी मांगने वाले अपने बंदों को माफ कर देते हैं।
सऊदी अरब ने इस साल हज के लिए नियमों में कई अहम बदलाव किए हैं। सऊदी के ग्रैंड मुफ्ती शेख अब्दुल अजीज इब्न अब्दुल्ला अल शेख ने इस बार बिना ऑफिशियल परमिट के हज यात्रा करने वालों के लिए साफतौर पर कहा है कि ये नाजायज है। सऊदी सरकार ने भी कहा है कि किसी भी व्यक्ति को बिना परमिट के तीर्थयात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने सभी तीर्थयात्रियों से आधिकारिक दिशानिर्देशों और सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है।
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