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प्रेगनेंसी में टमाटर खाने पर मां और बच्‍चे को मिलते हैं ये फायदे

टमाटर में कई तरह के पोषक तत्‍व होते हैं और ये देखने में जितने प्‍यारे लगते हैं, खाने में भी उतने ही पौष्टिक होते हैं। लेकिन क्‍या प्रेगनेंट महिला के लिए टमाटर खाना सुरक्षित होता है?
गर्भवती महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी डाइट का बहुत ध्‍यान रखना चाहिए और उन्‍हें किसी भी फल या सब्‍जी को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले आपको उसके फायदे और नुकसान के बारे में जान लेना चाहिए। साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि आप जो खा रही हैं वो आपके शिशु और आपके खुद के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सुरक्षित है भी या नहीं।
आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बता रहे हैं कि प्रेगनेंसी में टमाटर खाने से क्‍या होता है और ये प्रेगनेंट महिला के लिए कितना सुरक्षित है?

टमाटर के पोषक तत्‍व : टमाटर विटामिन सी, विटामिन के, फोलेट और पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होता है। 100 ग्राम के टमाटर में 0.76 ग्राम प्रोटीन, 1.58 ग्राम फाइबर, 3.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0 ग्राम कोलेस्‍ट्रोज, 25 मिलीग्राम विटामिन सी 8.9 मिग्रा कैल्शियम, 167 मिग्रा पोटेशियम, 15.4 मिग्रा फास्‍फोरस और 252 मिग्रा विटामिन ए होता है। इसके अलावा इस लाल रंग की सब्‍जी में लाइकोपिन, बीटा-कैरोटीन, नैनिंगजेनिन और क्‍लोरोजेनिक एसिड होता है।
प्रेगनेंसी प्रेगनेंसी :
प्रेगनेंसी में करेंगी ये काम, तो पक्‍का आपकी होगी नॉर्मल डिलीवरी
अगर आप चाहती हैं कि आपकी नॉर्मल डिलीवरी हो तो आप किसी ऐसे डॉक्टर या गायनेकोलोजिस्ट को ढूंढें तो इस काम में माहिर हो। नॉर्मल डिलीवरी में एक्सपर्ट डॉक्टर आपको प्रेगनेंसी के टाइम पर ही गाइड करके नॉर्मल डिलीवरी के चांसेस को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
लेबर पेन के दौरान भी इनकी सलाह आपके काम आ सकती है। एक्‍सपर्ट की सलाह से आप नेचुरल बर्थ में मदद करने वाले विकल्पों और तरीकों के बारे में जान सकती हैं।
ऐसे कई तरीके हैं जिनकी मदद से प्रेगनेंट महिला पेट में उठने वाली कॉन्‍ट्रैक्‍शन को सहन कर सकती है। आपको दर्द होने पर रिलैक्‍स रहने की तकनीक सीखनी है। इस काम में कई एक्‍सरसाइज आपकी मदद कर सकती हैं।
अपने पार्टनर को कंधे और गर्दन की मांसपेशियों को तेजी से दबाने के लिए कहें। इससे आप मांसपेशियों को रिलैक्‍स करना सीख पाएंगी और डिलीवरी के लिए अपने दिमाग को तैयार कर पाएंगी।
जो महिलाएं पहली बार मां बन रही हैं, उन्‍हें खासतौर पर योनि और गुदा के बीच के हिस्‍से यानी पेरिनियम यानी मूलाधार की मालिश करवानी चाहिए। मालिश से इस हिस्‍से की मांसपेशियां रिलैक्‍स होकर डिलीवरी के लिए तैयार होती हैं।
नौवें महीने में एक हफ्ते में एक या दो बार मालिश करवाने से आपकी बॉडी का निचला हिस्‍सा नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार होता है।
आपको प्रेगनेंसी में अक्‍सर आराम करने की सलाह देते हैं जबकि आपको गर्भावस्‍था में आराम करने के साथ-साथ एक्‍टिव रहना भी होता है। आपकी नॉर्मल डिलीवरी होनी हो या ऑपरेशन से बच्‍चा पैदा हो, दोनों ही स्थितियों में प्रेगनेंसी के दौरान एक्‍टिव रहना जरूरी होता है।
इसके अलावा प्रेगनेंसी में गलत पोस्‍चर में बैठना या लेटना भी नुकसानदायक होता है। इसका असर डिलीवरी के समय शिशु की पोजीशन पर पड़ सकता है। आप डॉक्‍टरी सलाह से नौवें महीने में भी कुछ एक्‍सरसाइज कर सकती हैं। ये डिलीवरी के लिए शिशु को सही पोजीशन में लाने में मदद करेंगी।
डॉक्‍टर पहले ही आपको आपकी डिलीवरी डेट बता देते हैं। आपकी डिलीवरी इस डेट से कुछ दिन पहले या कुछ दिन बाद हो सकती है, इसलिए इस डेट के आसपास के दिनों में घर पर ही रहें। अपने घर पर शांत माहौल रखें ताकि आपका शरीर रिलैक्‍स रहे और स्‍ट्रेस बिल्‍कुल न लें, क्‍योंकि प्रसव में इसकी वजह से परेशानी पैदा हो सकती है।
प्रेगनेंसी में टमाटर खा सकती हैं : गर्भवती महिला के लिए टमाटर खाना बिल्‍कुल सुरक्षित होता है। आपको इस समय बस एक बात का ध्‍यान रखना है कि आपको कोई भी चीज अधिक मात्रा में नहीं खानी है। किसी भी चीज को अधिक मात्रा में खाने से आपकी सेहत प्रभावित हो सकती है।
गर्भावस्‍था में टमाटर खाने के फायदे :टमाटर में विटामिन सी और विटामिन ए प्रचुर मात्रा में होता है। विटामिन सी आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है जबकि विटामिन ए इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत करता है, संक्रमण से बचाता है और डिलीवरी के बाद ऊतक को ठीक करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी में टमाटर खाने के निम्‍न फायदे होते हैं :
धूप में सुखाए गए टमाटरों में विटामिन के होता है जो खून की कमी से बचाता है।
टमाटर में फाइबर भी खूब होता है जिससे पाचन तंत्र दुरुस्‍त रहता है।
इसमें मौजूद लाइकोपिन शक्‍तिशाली एंटीऑक्‍सीडेंट है जो कि कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से बचाता है और मां को प्रीक्‍लैंप्सिया और बच्‍चे को जन्‍मजात विकार से सुरक्षा देता है।
टमाटर में निकोटिनिक एसिड होता है जो शरीर में बैड कोलेस्‍ट्रोल को कम करता है और प्रेगनेंसी में दिल को दुरुस्‍त रखता है।
टमाटर खून को साफ करता है और शरीर के कई हिस्‍सों में खून के बहाव को बढ़ाता है। इसमें मौजूद लाइकोपीन कैंसर पैदा करने वाले र‍ेडिकल्‍स से भी बचाता है जिससे गर्भवती महिला को गर्भाशय के कैंसर और रेक्‍टल कैंसर से सुरक्षा मिलती है।
रोज टमाटर खाने से ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस कम होता है और इस तरह प्रेगनेंट महिला में जेस्‍टेशनल डायबिटीज का जोखिम कम हो जाता है।
टमाटरों में उच्‍च मात्रा में विटामिन सी होता है जो शिशु की स्किन, हड्डियां, मसूड़े और दांत बनाने में मदद करता है।

प्रेगनेंसी में होने वाली मतली और उल्टी से मिनटों में छुटकारा पाने के लिए आजमाएं ये घरेलू उपाय

हर घर की रसोई में अदरक मौजूद होगी और भारत में तो दिन की शुरुआत ही अदरक की चाय से होती है। आपको बता दें कि प्रेगनेंसी में होने वाली मतली, उल्‍टी और पेट से जुड़ी समस्‍याओं को दूर करने की शक्‍ति अदरक रखती है।

जब भी उल्‍टी या मतली जैसा महसूस हो तो तुरंत अदरक का एक टुकड़ा चबा लें या फिर आप अदरक की चाय या पानी भी पी सकती हैं। वैसे तो गर्भावस्‍था में अदरक का सेवन सुरक्षित होता है लेकिन फिर भी आपको अधिक मात्रा में इसे नहीं लेना है।

नींंबू की खुशबू से ही आपकी मतली कुछ हद तक ठीक हो सकती है। नींबू पानी में न्‍यूट्रिलाइजिंग एसिड होते हैं जो बाइकार्बोनेट तत्‍वों के रूप में मतली से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

मतली या उल्‍टी होने पर एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस और एक चुटकी नमक निचोड़ कर पी लें। इस घरेलू नुस्‍खे से आपको तुरंत मतली और उल्‍टी से राहत मिलेगी।

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पुदीने के तेल के बारे में लोग कम ही जानते हैं क्‍योंकि भारतीय घरों में पुदीने के पत्तों की चटनी बनाई जाती है। हालांकि, पुदीने का तेल यानी पेपरमिंट ऑयल से मतली को कम करने में मदद मिलती है।

एक अध्‍ययन के अनुसार, कुल मामलों में से 75 फीसदी महिलाओं को पेपरमिंट एरोमाथेरेपी से उल्‍टी और मतली से राहत मिली। अब आप सोच रही होंगी कि प्रेगनेंसी में पेपरमिंट ऑयल को इस्‍तेमाल कैसे करना है, तो आपको बता दें कि इसकी कुछ बूंदें अपने हाथ पर डालें और फिर उसे सूंघें। पेपरमिंट ऑयल को बाहर से ही इस्‍तेमाल करना होता है।

कई भारतीय मसाले औषधीय गुण रखते हैं और ये न केवल कई बीमारियों से आपको बचाते हैं बल्कि गर्भावस्‍था में होने वाली उल्‍टी और मतली जैसी परेशानियों को भी दूर करने की शक्‍ति रखते हैं।

सौंफ के पाउडर, दालचीनी पाउडर और जीरे के अर्क की मदद से आप उल्‍टी और मतली को मिनटों में खत्‍म कर सकते हैं। इन मसालों से आप चाय बनाकर पी सकती हैं।

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गर्भवती महिला उल्‍टी और मतली से तुरंत राहत पाने के लिए इलायची का प्रयोग भी कर सकती हैं। जब भी आपको मतली जैसा महसूस हो तो अपने मुंह में एक या दो इलायची रख लें और धीरे-धीरे उसे चबाएं। इससे उल्‍टी की फीलिंग खत्‍म होगी।

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ज्‍यादा टमाटर खाने के नुकसान : जैसा कि हमने पहले भी बताया कि अधिक मात्रा में टमाटर खाने से आपको फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। प्रेगनेंसी में अधिक टमाटर खाने से सीने में जलन की समस्‍या हो सकती है। इससे गैस और पेट दर्द की शिकायत भी हो सकती है।