
चीन के गुलाम मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद मालदीव और भारत के संबंधों में आई कड़वाहट धीरे-धीरे कम होती नजर आ रही है। अब मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन ने भारत को पारंपरिक साझेदार बताया और कहा कि माले लगातार नई दिल्ली के साथ लगातार संवाद जारी रखे हुए हैं। सिंगापुर में इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज की तरफ से आयोजित शांगरी-ला डायलॉग में बोलते हुए घासन ने भारत के साथ इसी साल हुए रक्षा अभ्यास के बारे में बताकर नई दिल्ली से दोस्ती का संकेत दिया। इस दौरान घासन ने चीन का नाम लिए बिना नए दोस्त बनाने का भी बचाव किया।
मालदीव के रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अंतरराष्ट्रीय सहयोग, खासतौर पर रक्षा सहयोग के दृढ़ समर्थक हैं। नवम्बर 2023 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद हमने पारंपरिक साझेदारों भारत और अमेरिका के साथ लगातार बातचीत जारी रखी है। हमने इसी साल भारत और श्रीलंका के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास पूरा किया है। चार दिन पहले ही हमने अमेरिका के साथ एक संयुक्त अभ्यास संपन्न किया है।’
रक्षा सहयोग को बताया जरूरी – घासन ने आगे कहा कि सभी छोटे देश अपनी स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुरक्षित रखने का प्रयास करते हैं। राष्ट्रपति मुइज्जू की रक्षा प्राथमिकता में अपनी सेना की क्षमता को इस तरह से तैयार करना है कि वह मालदीव की शांति, स्थायित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित कर सके। घासन ने हिंद महासागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता के लिए मालदीव की सेना नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) के मजबूत होने की जरूरत बताई और कहा कि इसके लिए क्षेत्रीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने की जरूरत है।
तुर्की से ड्रोन मिलते ही मालदीव ने उगला भारत के खिलाफ जहर – इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर से मुइज्जू का पुराना राग दोहराया कि रक्षा सहयोग में मालदीव की जमीन पर विदेशी सैन्य मौजूदगी नहीं शामिल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी उम्मीद है कि हमारे दोस्त और साझेदार लोकतांत्रिक फैसले का सम्मान करेंगे और तब हम गहरा और व्यापक क्षेत्रीय सहयोग जारी रख सकेंगे, जो मालदीव और हमारे साझेदारों के लिए उपयोगी होगा।
Home / News / मुइज्जू की अकड़ हुई ढीली, मालदीव के रक्षा मंत्री ने भारत को बताया पारंपरिक साझेदार, करने लगे सहयोग की बात
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