अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बीच कुछ समय के लिए संपर्क टूट गया। मंगलवार को ह्यूस्टन में नासा की इमारत में बिजली गुल होने से मिशन कंट्रोल और अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बीच संचार बाधित हुआ। अंतरिक्ष एजेंसी को पहली बार बैकअप कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल करना पड़ा। बत्ती गुल होने का मतलब था कि मिशन कंट्रोल ने कक्षा के बाहर मौजूद स्पेस स्टेशन के साथ कमांड, टेलीमेट्री और आवाज संचार को खो दिया है। ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर की इमारत में अपग्रेड का काम चल रहा था, जिसके कारण बत्ती गुल हो गई थी।
आउटेज के 20 मिनट के अंदर स्पेस स्टेशन में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को रूसी संचार प्रणालियों के माध्यम से सूचित किया गया। स्पेस स्टेशन प्रोग्राम के प्रबंधक जोएस मोंटालबानो ने कहा कि न तो अंतरिक्ष यात्री और न ही स्टेशन कभी किसी खतरे में थे और 90 मिनट के भीतर सामान्य संचार बहाल करने के लिए बैकअप नियंत्रण प्रणाली ने काम संभाल लिया। स्पेस स्टेशन में यह समस्या नहीं हुई है, बल्कि यह पूरी तरह से एक जमीनी समस्या थी। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि चालक दल और वाहन खतरे में नहीं था।
पहली बार टूटा संपर्क – उन्होंने कहा कि हमें पता था कि यह काम चल रहा है और इसकी तैयारी के लिए हमारे पास बैकअप कमांड और नियंत्रण प्रणाली है। बैकअप प्लान को हमने मौसम की इमरजेंसी के दौरान सेंटर को बंद करने के लिए बनाया है। मोंटालबानो का कहना है कि यह पहली बार हुआ है कि नासा को अपना कंट्रोल फिर से स्थापित करने के लिए इन बैकअप सिस्टम का इस्तेमाल करना पड़ा हो। उन्होंने कहा कि नासा को उम्मीद है कि जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा और मिशन ऑपरेशन सामान्य हो जाएगा।
नासा के पास है बैकअप सेंटर – ह्यूस्टन से मीलों दूर नासा के पास एक बैकअप सिस्टम है। किसी आपदा की स्थिति में अगर मेन सेंटर को बंद करना पड़े और संपर्क साधने में कोई समस्या न हो, इसके लिए इसे बनाया गया है। लेकिन मंगलवार को जो हुआ, उसमें फ्लाइट कंट्रोल नियंत्रण में था। इसके अलावा लाइटें और एयर कंडीशनिंग भी काम कर रही थी। मोंटालबानो ने कहा, ‘हम इस घटना से समझेंगे कि क्या हुआ और फिर इससे सीख कर आगे बढ़ेंगे।’ धरती पर भले ही अमेरिका और रूस के बीच तनाव हो, लेकिन दोनों की स्पेस एजेंसियां अभी भी साथ काम कर रही हैं।
Home / News / NASA के कमांड सेंटर की बत्ती गुल, स्पेस स्टेशन से टूटा संपर्क, रूस ने ऐसे की अमेरिका की मदद