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Hubble से भी 100 गुना ज्यादा शक्तिशाली होगा NASA का Space Telescope- WFIRST


करीब 30 साल से NASA का Hubble Space Telescope अंतरिक्ष की शानदार तस्वीरें ले रहा है लेकिन अब NASA ने तैयार किया है WFIRST -Wide Field InfraRed Survey Telescope जो Hubble से बी 100 गुना ज्यादा शक्तिशाली है। यह Universe के और ज्यादा एरिया को Observe करेगा और दूसरे exoplanets का अनैलेसिस करेगा।
पिछले 30 साल से NASA (नैशनल ऐरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन) का Hubble स्पेस टेलिस्कोप अंतरिक्ष के नजारे पृथ्वी तक पहुंचा रहा है। ऐसी-ऐसी खगोलीय घटनाएं Hubble की नजरों से देखी गईं हैं जो न सिर्फ चमत्कार जैसी दिखती हैं, बल्कि कई अनसुलझे रहस्यों से पर्दा भी हटाती हैं। हालांकि, अब यह तस्वीर और ज्यादा साफ होने वाली है क्योंकि अमेरिकी स्पेस एजेंसी अब Hubble से भी ज्यादा तेज निगाहों के लिए तैयार है। NASA जल्द ही WFIRST (Wide Field InfraRed Survey Telescope) को लेकर ऐलान करने वाला है जिसकी क्षमता Hubble से 100 गुना ज्यादा है।
पांच साल के लिए तैयार किए गए NASA के WFIRST स्पेस टेलिस्कोप को डार्क एनर्जी, एग्जोप्लैनेट्स और इन्फ्रारेड ऐस्ट्रोफिजिक्स की बेहतर समझ के लिए डिजाइन किया गया है। NASA के Goddard Space Flight Cenre के डिवेलप किए गए WFIRST के पास एक प्राइमरी मिरर होगा जो Hubble की तरह ही 2.4 मीटर के डायमीटर (व्यास) का होगा। इसमें दो अहम इंस्ट्रूमेंट्स- Wide Field (WFI) और Coronagraph Instrument हैं जिनमें से Wide Field इसको Hubble से अलग बनाता है।
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Hubble से ऐसे होगा अलग
NASA ने बताया है कि Wide field Instrument Hubble के मुकाबले 100 गुना ज्यादा एरिया देख सकेगा और कम समय में ज्यादा यूनिवर्स को कवर कर सकेगा। अल्ट्रावॉइलट वाले Hubble का मुख्य काम खास टार्गेट्स की हाई-डेफिनेशन वाली डीटेल्ड इमेज लेना और अनैलेसिस था। दूसरी और WFIRST को ऐसे डिजाइन किया गया है कि ज्यादा बड़े स्तर पर उतना ही साफ सर्वे कर सके।
धरती के करीब दिखा एक ब्लैक होल, इसके आसपास नाच रहे हैं सितारे
..अंतरिक्ष में खिला गुलाब
हबल ने 2011 में एक ‘गैलेक्टिक रोज’ Arp 273 की तस्वीर शेयर की। इस गैलेक्सी में एक डिस्क जैसा स्ट्रक्चर है जो उसके नीचे की गैलेक्सी की ग्रैविटी की वजह से टेढ़ा हो जाता है और गुलाब का शेप ले लेता है। गैलेक्सी के बाहर हिस्सों में सितारों के गुच्छे किसी नीले रत्न जैसे लगते हैं।
3000 हजार सितारे….
2015 में हबल ने एक तस्वीर ली। ये तस्वीर है करीब 3000 सितारों के क्लस्टर की। ये क्लस्टर 2 मिलियन लाइट इयर दूर है। इसमें हमारी गैलेक्सी के सबसे बड़े, सबसे ज्यादा चमक वाले और सबसे गरम सितारे मौजूद हैं।
एक-दूसरे का चक्कर काट रहे सितारे
2019 में Southern Crab Nebula की तस्वीर। नेब्यूला का ये खूबसूरत आवरग्लास जैसा शेप दो सितारों के एक-दूसरे का चक्कर काटने से बना है। किनारे की ओर गैस और धूल दिखाई देती है जो क्रैब के पैरों के जैसा आकार लेती है।
…तो ऐसी दिखती है Galaxy
2017 में हबल ने दो गैलेक्सीज की तस्वीर ली जो करीब 55 मिलियन लाइट इयर दूर हैं। ये स्ट्रक्चर में तो एक जैसी हैं लेकिन अलग-अलग ऐंगल पर हैं। इन्हें देखकर पता चलता है कि हमारी मिल्की-वे गैलेक्सी बाहर से कैसी दिखती होगी।
…यूं हो रहा सितारों का जन्म
2005 में वर्लपूल गैलेक्सी के दो स्पाइरल आर्म्स दिख रहे हैं- सितारों और गैस की लाइन और साथ में धूल। वर्लपूल के गैलेक्सी से दायीं ओर पर मिलने से आर्म्स में सितारे पैदा होते हैं।
तारों का जाल…
Hubble ने 2014 में Monkey Head Nebula की तस्वीर ली। बड़े और नए सितारों से निकलती अल्ट्रावॉइलट लाइट की मदद से नेब्यूला की धूल बड़े पिलर्स जैसी दिखती है। ऐसा लगता है कि तारों का एक जाल फैला हुआ है।
अंतरिक्ष की ‘आंख’
हबल ने 2000 में प्लैनेटरी नेब्यूला NGC 6751 की तस्वीर ली Auila तारामंडल में आंख की तरह दिख रहा नेब्यूला गैस का बादल है जो हजारों साल पहले उसके सेंटर में रहे सितारे से निकला है। यह करीब एक लाइट इयर दूर है।
गैस और धूल का पिलर
2002 में अपने अडवांस्ड कैमरे से Cone Nebula की तस्वीर ली। गैस और धूल का पिलर पास के सितारों के रेडिएशन से धीरे-धीरे कम होते गए लेकिन इसके सबसे घने हिस्से में नए सितारे बनने लगे।
NGC 2273 पहली नजर में स्पाइरल गैलेक्सी लगती है जिसमें सेंटर से दो आर्म्स निकलते हैं। असल में इन स्पाइरल आर्म्स में रिंग्स भी हैं- यानी स्पाइरल के अंदर स्पाइरल।
2004 में हबल ने एक बेहद खूबसूरत ब्लू स्टार क्लस्टर की तस्वीर ली जो AM 0644-741 गैलेक्सी के पीले रंग के सेंटर के चारों ओर था। ब्लू रिंग 1.5 लाख लाइट इयर दूर है जो इससे हमारी पूरी मिल्की वे गैलेक्सी से बड़ा बनाता है।
सिस्टम से बाहर किसी सितारे का चक्कर काटते हों, जैसे धरती), उनकी डायरेक्ट इमेजिंग में मदद करेगा। अभी तक मौजूद कोई भी ऑब्जर्वेटरी इतना सटीक काम नहीं कर सकता है। इसका मुख्य कारण सितारों से रिफ्लेक्ट होने वाली वह रोशनी है जिसकी मदद से WFIRST का CGI काम करेगा। आमतौर पर यह रिफ्लेक्ट होने वाली यह रोशनी 10 करोड़ गुना कम हो जाती है। CGI धरती जैसे ग्रहों को खोजकर अनैलेसिस कर सकेगा।
50 गुना ज्यादा डेटा की उम्मीद
अपने मिशन के दौरान WFIRST अरबों Galaxies की रोशनी को WFI के जरिए देखेगा और फिर आकाशगंगा के अंदरूनी हिस्से में माइक्रो-लेंस के जरिए करीब 2,600 एग्जोप्लैनेट्स खोजेगा। CGI पास के एग्जोप्लैनेट्स की हाई-कॉन्ट्रास्ट इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी करेगा। NASA का अनुमान है कि जितना डेटा Hubble ने उसे 30 साल में दिया है, WFIRST उससे 50 गुना ज्यादा नतीजे दे सकता है।