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Navratri 2024 बच्‍चे के लिए सिर्फ त्‍योहार नहीं हैं, उसे सिखाएं जीवन के ये मूल्‍यवान सबक


शारदीय नवरात्रि का पर्व बहुत पवित्र माना जाता है। इन दिनों में विशेष रूप से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। बच्‍चों को दुर्गा पूजा से काफी कुछ सीखने को मिल सकता है।
03 अक्‍टूबर से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो चुके हैं। देश के कई हिस्‍सों में इस दौरान दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है। दुर्गा पूजा के नौ दिनों में देवी मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत ज्‍यादा महत्‍व है और बड़ों ही नहीं बल्कि बच्‍चों को भी इससे काफी कुछ सीखने को मिलता है।
आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बता रहे हैं कि दुर्गा पूजा से बच्‍चों को क्‍या कुछ सीखने को मिलता है। इस नवरात्रि में आप भी अपने बच्‍चे को यह पाठ सिखा सकते हैं।
संकट में धैर्य रखना – देवी दुर्गा और महिषासुर की कहानी बच्‍चों को मु‍श्किल समय में धैर्य, साहस और संकल्‍प का महत्‍व सिखाती है। माता रानी के महिषासुर को हराने की दृढ़ता बच्‍चों के लिए एक प्रेरणा है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए। पर‍िस्थिति चाहे कितनी भी कठिन क्‍यों न हो, हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए। इससे बच्‍चों में सकारात्‍मक मानसिकता और धैर्य विकसित होता है।
पर्यावरण को लेकर जागरूकता – दुर्गा पूजा के दौरान ऐसे कई काम किए जाते हैं जिनकी वजह से पर्यावरण दूषित हो जाता है। इससे बचने के लिए बच्‍चों को प्राकृतिक सामग्रियों से बनी मूर्तियों का इस्‍तेमाल करने की सलाह दें। इससे बच्‍चों को पर्यावरण की सुरक्षा का महत्‍व समझ आएगा। उन्‍हें यह सीखने को मिलेगा कि त्योहारों का आनंद मनाने के लिए प्रकृति को नुकसान पहुंचाने की जरूरत नहीं है।
नारी शक्‍ति का सम्‍मान – दुर्गा पूजा पर मां दुर्गा की शक्‍ति, साहस और संकल्‍प का प्रतीक है। बच्‍चों को बताएं कि देवी मां ने अपने भक्‍तों की रक्षा के लिए कितनी बार संहार किया है और हमारे धर्म में उन्‍हें सर्वोपरि माना जाता है। इससे बच्‍चे महिलाओं को सम्‍मान देना सीखेंगे। मां दुर्गा शक्‍ति के साथ करुणा को भी दर्शाती है। देवी मां की मूर्ति बच्‍चों को सिखाती है कि शक्‍ति और करुणा दोनों ही आवश्‍यक हैं।
बुराई पर अच्‍छाई की जीत – दुर्गा पूजा बुराई पर अच्‍छाई की जीत का प्रतीक है। इससे बच्‍चों को सीखने को मिलता है कि रास्‍ता चाहे कितना भी मुश्किल क्‍यों न हो, सही मार्ग पर चलने से हमेशा जीत मिलती है। इससे बच्‍चों में यह विश्‍वास पैदा होता है कि सत्‍य और न्‍याय की जीत हमेशा होती है। हमें सदैव सत्‍य और न्‍याय के लिए खड़ा होना चाहिए।