
पाकिस्तान के बीमार चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इलाज कराने के लिए ब्रिटेन जाने के वास्ते 700 करोड़ रुपए के क्षतिपूर्ति बॉन्ड जमा कराने की इमरान खान सरकार की मांग मानने से बुधवार को इंकार कर दिया और कहा कि यह ‘‘गैरकानूनी” है । साथ ही शरीफ ने अपने स्वास्थ्य के मुद्दे पर राजनीति करने की कोशिशों की निंदा भी की।
दरअसल, पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इलाज कराने के लिए विदेश जाने की अनुमति देने का फैसला किया। हालांकि मंत्रिमंडल ने शर्त रखी है कि अगर वह इलाज कराकर वापस लौटने और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने का वादा करते हुए जमानत पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं तो ही उन्हें इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति दी जाए। प्रधानमंत्री खान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शरीफ का नाम ‘उड़ान प्रतिबंध सूची’ (एक्जिट कंट्रोल लिस्ट – ईसीएल) से हटाने की मंजूरी दी गयी।
पीएमएल-एन के एक नेता ने शरीफ के हवाले से कहा, ‘‘हमने सरकार को बता दिया है कि शरीफ लंदन में अपना इलाज कराने के लिए उड़ान प्रतिबंध सूची से अपना नाम हटाने के वास्ते सरकार को 700 करोड़ रुपए का कोई क्षतिपूर्ति बॉन्ड नहीं देंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘नवाज शरीफ ने कहा कि सरकार की मांग गैरकानूनी है।” इस नेता ने यह भी कहा कि नवाज शरीफ ने अपनी सेहत के मुद्दे के राजनीतिकरण के सरकार के ‘हथकंडे’ पर भी अपनी नाराजगी जतायी। पीएमएल-एन नेता ने कहा, ‘‘सरकार इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व के फैसले पर अपनी खुद की अदालत नहीं चला सकती।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने चिकित्सकीय आधार पर शरीफ को आठ सप्ताह की जमानत दी है।” उन्होंने कहा, ‘‘अगर शरीफ को कुछ होता है तो इसके लिए इमरान खान और उनके लोग जिम्मेदार होंगे क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री की हालत गंभीर है और सरकार इस मौके का अपनी ओछी राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रही है।” उनकी पार्टी के अनुसार, अगर सरकार ईसीएल से शरीफ का नाम हटाती है तो उन्हें लंदन ले जाने के लिए बुधवार को लाहौर में एक एयर एंबुलेंस पहुंच रही है। शरीफ का लाहौर के उनके जट्टी उमरा हाउस में इलाज चल रहा है।
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