
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को चार रिट याचिकाएं दायर की गईं जिसमें प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को फिर से शपथ दिलाने का अनुरोध किया गया है। याचिकाओं में कहा गया है कि ओली ने शपथग्रहण समारोह के दौरान बोले गए सभी शब्दों को नहीं दोहरा कर राष्ट्रपति के पद का अपमान किया है। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में आयोजित एक समारोह में ओली को प्रधानमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी थी।
अपने व्यस्त समय से 10 मिनट निकालें और खेलें ये क्विज : शपथ ग्रहण समारोह के दौरान, जब राष्ट्रपति ने शब्द ‘शपथ’ के अलावा ‘भगवान के नाम पर’ बोला तो कम्युनिस्ट पार्टी आफ नेपाल (यूएमएल) के 69 वर्षीय अध्यक्ष ओली ने उन शब्दों को छोड़ दिया। राष्ट्रपति भंडारी ने जब ‘ईश्वर, देश और लोगों’ का उल्लेख किया तो तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बनने वाले ओली ने कहा, ‘मैं देश और लोगों के नाम पर शपथ लूंगा।’
चीन के विशेष दूत का नेपाल दौरा देश के आंतरिक मामलों में ड्रैगन के सीधे दखल के रूप में देखा जा रहा है। जिनपिंग के खास दूत सबसे पहले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनके प्रमुख प्रतिद्वंदी पुष्प कमल दहल प्रचंड से मुलाकात कर सुलह करवाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए काठमांडू में तैनात चीनी राजदूत हाओ यांकी ने पहले से ही पीएम ओली और दहल से मिलने का समय मांगा है। बताया जा रहा है कि दहल ने गूओ येझोउ से मुलाकात करने की हामी भर दी है, जबकि ओली की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।
इससे पहले नेपाल के हुमला इलाके में चीन के जमीन कब्जाने की घटना के बाद भी काठमांडू की सड़कों पर बड़ी संख्या में नेपालियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान लोगों ने चीनी दूतावास के बाहर गो बैक चाइना के नारे भी लगाए थे। चीन ने नेपाल के हुमला इलाके में कम से कम 9 बिल्डिंग्स का निर्माण किया है। हालांकि नेपाल सरकार ने अपने ही अधिकारियों के रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि चीन ने कोई भी कब्जा नहीं किया है।
गूओ येझोउ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बेहद खास माने जाते हैं। ये चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उप मंत्री भी हैं। इनकी ही पहल पर नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया था। इसके अलावा ये चीन की तरफ से कम्युनिस्ट देशों से संपर्क के भी प्रमुख हैं। इस बार गूओ येझोउ के साथ चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी नेपाल पहुंचा है।
नेपाली अखबार काठमांडू पोस्ट के मुताबिक गत महीने में जब नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में तनाव अपने चरम पर था, उस समय चीनी राजदूत हाओ यांकी ने पार्टी के शीर्ष नेताओं और राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी से मुलाकात की थी। हालांकि, दोनों ही पक्षों में शांति बनाने के कई प्रयास करने के बाद भी हायो यांकी को कामयाबी नहीं मिली। इधर नेपाल को अपने हाथ से निकलता देख जिनपिंग ने डैमेज कंट्रोल के लिए तुरंत गूओ येझोउ को नेपाल जाने का आदेश दिया।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, सभी चार रिट याचिकाकर्ताओं में अनुरोध किया गया है कि ओली एक बार फिर पद और गोपनीयता की शपथ लें क्योंकि शुक्रवार को ली गई शपथ अवैध थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रकांता ग्यावली और अधिवक्ता लोकेंद्र ओली और केशर जंग केसी ने एक संयुक्त रिट याचिका दायर की है जबकि अधिवक्ता राज कुमार सुवाल, संतोष भंडारी और नवराज़ अधिकारी ने इसी मुद्दे पर अलग-अलग रिट याचिका दायर की हैं।
खबर के अनुसार याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह ओली से फिर से शपथ लेने का निर्देश दे और उनके फिर से शपथ लेने तक उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर काम करने से रोके।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website