
गृहयुद्ध से जूझ रहे म्यांमार में विद्रोहियों के बढ़ते दबदबे के सामने जनरल मिन आंग ह्लाइंग के हाथ से सत्ता की पकड़ ढीली पड़ रही है। म्यांमार में फरवरी 2021 में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से ही गृह युद्ध के हालात हैं। अक्टूबर 2023 में तीन सशस्त्र गुटों ने जुंटा के खिलाफ ऑपरेशन 1027 शुरू किया था, जिसका मकसद जुंटा को शासन से हटाना है। इस ऑपरेशन के तहत विद्रोहियों ने कई अहम इलाके जुंटा से छीन लिए हैं। जुंटा सैनिकों की भारी कमी का भी सामना कर रहा है। ऐसे में म्यांमार की सैन्य जुंटा सेवानिवृत्त सैनिक फिर से सेना में शामिल करके और युवाओं के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य बनाकर इस कमी को पूरा करने की कोशिश में है। जुंटा की इस तरह की कोशिशों को देखते हुए बड़ी संख्या में म्यांमार के युवा देश छोड़ने की कोशिश में लगे हैं।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार में पासपोर्ट कार्यालय के बाहर इतनी भीड़ उमड़ रही है कि भगदड़ में दो लोगों की जान जा चुकी है। दूतावासों के बाहर भी युवाओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। ये सब सेना में अनिवार्य भर्ती की घोषणा के बाद हो रहा है। म्यांमार के युवा जुंटा सेना में जाने के इच्छुक नहीं दिख रहे हैं। वो भी ऐसे समय में, जब उनके अपने ही देश के लोगों के साथ लड़ना है। ऐसे में कई लोग देश छोड़ना चाह रहे हैं। 24 साल के एक युवा ने बीबीसी से कहा, “इस समय सेना में सेवा की बात बकवास है। हम किसी दूसरे देश की सेना से नहीं लड़ रहे हैं। हम एक-दूसरे से लड़ रहे हैं। अगर हम सेना में जाते हैं तो ये जुंटा के अत्याचारों में योगदान करने जैसा होगा।”
Home / News / म्यांमार में सैन्य जुंटा शासन के नए आदेश से युवाओं में दहशत, देश छोड़ने के लिए लगी भीड़, तनाव
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