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चीन की सीमा पर तैनात होगा नया प्रहरी, 120 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल खरीद को हरी झंडी


चीन के साथ सीमा विवाद और पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के बीच केंद्र सरकार सीमा पर मजबूती की दिशा में लगातार कदम उठा रही है। रक्षा मंत्रालय ने एक बड़े फैसले में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए लगभग 120 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दे दी है। इन मिसाइलों को सेना की तरफ से चीन और पाकिस्तान के साथ सटी सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। वर्तमान में, प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलें 150 से 500 तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। खास बात है कि इस मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों के माध्यम से दुश्मन के लिए पता लगा पाना बेहद मुश्किल काम है।
बैलिस्टिक मिसाइल के प्रयोग की नीति – वरिष्ठ रक्षा सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि रक्षा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय बैठक ने सशस्त्र बलों के लिए लगभग 120 मिसाइलों की खरीद और सीमाओं पर उनकी तैनाती को मंजूरी दे दी है। इन बैलिस्टिक मिसाइल के सेना में शामिल होना देश के लिए बड़ी बात है। अब देश के पास ऐसी नीति है जो सामरिक भूमिकाओं में बैलिस्टिक मिसाइलों के उपयोग की अनुमति देती है। चीन और पाकिस्तान दोनों के पास बैलिस्टिक मिसाइलें हैं जो सामरिक भूमिकाओं के लिए हैं।
प्रलय को ‘धार’ दे रहा है डीआरडीओ – सूत्रों ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की तरफ से डेवलप किए गए मिसाइल को और बेहतर बनाया जा रहा है। ऐसे में गर अगर सेना चाहे तो इसकी रेंज को काफी बढ़ाया जा सकता है। इस मिसाइल प्रणाली को साल 2015 के आसपास विकसित करना शुरू किया गया था। दिवंगत जनरल बिपिन रावत की तरफ से इस तरह की क्षमता के विकास को बढ़ावा दिया गया था। पिछले साल 21 दिसंबर और 22 दिसंबर को लगातार मिसाइल का दो बार सफल परीक्षण किया गया था।
ये हैं प्रलय की खासियत – ‘प्रलय’ एक अर्ध-बैलिस्टिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। यह इंटरसेप्टर मिसाइलों को मात देने में सक्षम है। इसके लिए इसे एडवांस मिसाइल की तरह डेवलप किया गया है। इस मिसाइल में हवा में एक निश्चित सीमा तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता है। ‘प्रलय’ एक सॉलिड प्रोपेलैंट रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीकों से चलता है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं। मिसाइल को पहले भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा। इसके बाद इसे भारतीय थल सेना में शामिल किया जाएगा।