
सियोलः 65 साल पहले उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच बेशक युद्ध समाप्त हो गया था लेकिन बंटवारे के कारण बिछड़े लाखों लोग कई कोशिशों के बाद भी अब तक अपने परिवार के सदस्यों से मिल नहीं पाए थे। दोनों देशों ने सोमवार को ऐसे परिवारों के लिए रीयूनियन प्रोग्राम रखा। इसके लिए 57 हजार नागरिकों ने आवेदन किया था, लेकिन लॉटरी के जरिए से महज 172 लोगों को इजाजत दी गई।
इनमें 83 लोग उत्तर कोरिया और 89 लोग दक्षिण कोरिया के हैं। तीन दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में वे सिर्फ 11 घंटे तक ही मुलाकात कर पाएंगे। उत्तर कोरिया के हॉलिडे रिजॉर्ट में 92 साल की ली क्योम-स्योम अपने बेटे सांग चोल (72), उनकी पत्नी और बेटियों से मिलीं।
ली क्योम-स्योम ने बताया कि दोनों देशों के बीच 1950 में लड़ाई शुरू हो गई थी। दोनों देश 65 साल पहले अलग हुए लेकिन बेटा 68 साल पहले ही बिछड़ गया। सांग ने काफी समय पहले अपने पिता की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी, जिससे उन्हें अपनी मां के जीवित होने की जानकारी मिली थी। हालांकि, उनकी मुलाकात में भी कई साल लग गए।
सियोल में रहने वाले ली सो-नैम ने बताया कि 68 साल पहले जब वे अपने भाई री जांग सांग (18) से बिछड़े तो महज आठ साल के थे। उत्तर कोरिया के सैनिकों से बचने के लिए री घर से भाग गए और कुछ सप्ताह बाद दक्षिण कोरिया पहुंच गए थे। ली को लगा कि उसके भाई को सैनिकों ने मार दिया, लेकिन 1975 में री के जीवित होने का पता लगा। दोनों देश इस तरह की रीयूनियन लगातार करा रहे हैं। आखिरी बार रीयूनियन तीन साल पहले 2015 में हुई थी।
इस साल उत्तर और दक्षिण के बीच बदलते रिश्तों की वजह से इस रीयूनियन को खास माना जा रहा है। 1988 में पहली बार दोनों कोरिया के बीच बिछड़े परिवारों को मिलाने पर सहमति बनी। तब करीब 1,32,603 लोगों ने रीयूनियन के लिए आवेदन किया था।PunjabKesariहालांकि, पहली बार रीयूनियन अगस्त 2001 में हुआ। तब इसके लिए 1,16,460 आवेदन आए थे। वहीं, पहली रीयूनियन के महज 11 महीने बाद 12,664 लोगों की मौत हो गई थी। इस साल रीयूनियन में मिलने वाले करीब 60% लोगों की उम्र 80 साल से ज्यादा है। सबसे उम्रदराज दक्षिण कोरिया की 101 साल की महिला हैं। इन सभी को एक बस के जरिए डिमिलिट्राइज्ड जोन स्थित हन्हवा रिजॉर्ट होटल ले जाया गया, जहां मेडिकल चेकअप के बाद उन्हें मुलाकात के नियम समझाए गए।
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