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पति-पत्‍नी ही नहीं बच्‍चे को भी रोज लगाएं गले, स्‍मार्ट बनेगा बच्‍चा


अभी तक आपने सुना होगा कि कपल्‍स को गले लगाने के बहुत फायदे होते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बच्‍चों को गले लगाना भी बहुत फायदेमंद होता है।
बच्‍चों को गले लगाना बहुत जरूरी होता है क्‍योंकि इससे उनमें प्‍यार की भावना पनपती है और सुरक्षा महसूस होती है। भले ही बच्‍चों को तोहफे पसंद आते हैं लेकिन गले लगाना उन्‍हें इससे भी ज्‍यादा खुशी होती है।
जानिए कि बच्‍चों को गले लगाने से क्‍या फायदे मिलते हैं और आपको दिन में कितनी बार अपने बच्‍चे को गले लगाना चाहिए।

कितनी बार लगाएं गले
ये कह पाता तो मुश्किल है कि बच्‍चे को दिन में कितनी बार गले लगाना चाहिए लेकिन इतना कहा जा सकता है कि एक दिन में 8 से 12 बार गले लगाना सही रहता है। आप रोज सुबह अपने बच्‍चे को Hug (गले लगाना) दें और कडल भी कर सकते हैं। आप जितना बच्‍चे के करीब रहेंगे, वो उतना ही ज्‍यादा सुरक्षित महसूस करेगा और खुश रहेगा।

स्‍मार्ट बनते हैं बच्‍चे
दिमाग के विकास के लिए ह्यूमन टच अहम भूमिका निभाता है। स्किन कॉन्‍टैक्‍ट जैसे कि गले लगाने से मस्तिष्‍क के स्‍वस्‍थ विकास में मदद मिलती है और शरीर भी मजबूत होता है।
जेनेटिक साइकोलोजी मोनोग्राफ में प्रकाशित स्‍टडी के अनुसार, जिन बच्‍चों को 10 सप्‍ताह तक रोज Hug मिला, उन्‍होंने डेवलपमेंट असेसमेंट में दूसरे बच्‍चों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया।

इम्‍यूनिटी बढ़ती है
गले लगाने का सीधा असर बच्‍चे की इम्‍यूनिटी पर पडता है। गले लगाने पर बच्‍चे के शरीर पर दबाव पडता है जिससे थाइमस ग्‍लैंड उत्‍तेजित होता है। यह ग्‍लैंड पर्याप्‍त मात्रा में एंटीबॉडीज और सफेद रक्‍त कोशिकाओं को संत‍ुलित बनाए रखने के लिए जिम्‍मेदार होता है। इससे शरीर को बीमारियों और संक्रमणों से रक्षा मिलती है।

सूखे मेवों यानी ड्राई फ्रूट्स में हेल्‍दी फैट्स के साथ प्रचुरता में फाइबर और एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं। शिशु के विकास के लिए डायट्री फैट महत्‍वपूर्ण होते हैं। अगर आप कम उम्र में ही बच्‍चों को सूखे मेवे खिलाना शुरू देते हैं तो इससे उनमें एलर्जी होने का खतरा काफी कम हो जाता है।

100 ग्राम बादाम, 100 काजू, 100 ग्राम पिस्‍ता, एक जायफल, 100 ग्राम चने की दाल भुनी हुई, 1 चम्‍मच सूखी अदरक का पाउडर, पांच इलायची के टुकड़े, आधा चम्‍मच हल्‍दी पाउडर।

शिशु के लिए ड्राई फ्रूट पाउडर बनाने के लिए आपको इन सब चीजों को जरूरत पड़ेगी।

सूखे मेवों से पाउडर तैयार करने की विधि इस प्रकार है :

एक पैन लें और उसमें ऊपर बताई गई सभी चीजों को भून लें। इसके बाद इन्‍हें ठंडा होने के लिए रख दें।अब सभी सूखे मेवों को ब्‍लेंडर में डालें और थोडा दरदरा पीस लें।आपको इन्‍हें ज्‍यादा ब्‍लेंड न करें क्‍योंकि मेवे तेल छोड़ते हैं।अब इस पाउडर को ब्‍लेंडर से निकाल कर एक एयर टाइट कंटेनर में डालकर फ्रिज में रख दें।आप महीनेभर तक इसका इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

इसमें फास्‍फोरस होता है जो हड्डियों और दांतों के विकास में मदद करता है। यह फेफड़ों से ऑक्‍सीजन को अन्‍य अंगों तक पहुंचाने में सहायक होता है। काजू में उच्‍च मात्रा में जिंक होता है जो कि इम्‍यूनिटी को बढ़ाता है।

पिस्‍ता में पोटैशियम होता है। इसमें मौजूद डायट्री फाइबर शिशु को कब्‍ज होने से बचाते हैं। तंत्रिका तंत्र के कार्य और नर्व इंपल्‍स ट्रांसमिशन में विटामिन बी3 और बी6 होता है। पिस्‍ता में यह दोनों पोषक तत्‍व प्रचुरता में पाए जाते हैं।

बादाम एक लो ग्‍लाइसेमिक फूड है जिससे बच्‍चे में आगे चलकर डायबिटीज होने के खतरे को कम करता है। इनमें विटामिन ई भी उच्‍च मात्रा में होता है। बादामों में फैट और सैचुरेटेड फैट भी बहुत ज्‍यादा होता है। यह बैड कोलेस्‍ट्रोल के लेवल को बढ़ने नहीं देता है।

आत्‍मविश्‍वास बढ़ता है
जन्‍म के बाद शिशु को लगाने से बच्‍चे का आपसे भावनात्‍मक रिश्‍ता बनता है। इससे उनमें आत्‍म‍विश्‍वास की नींव रखी जाती है। जिन बच्‍चों को मां- बाप का प्‍यार मिलता है, वो अपने जीवन में जोखिम उठाने से कतराते नहीं हैं और नई चीजें ट्राई करने से पीछे नहीं हटते हैं। लाइफ में रिस्‍क उठाना एक अच्‍छी बात है।

गुस्‍सा होता है कम
जब भी आपका बच्‍चा दुखी हो या रोने लगे तो बस उसे गले लगा लें। आपके ऐसा करने से बच्‍चा अनुशासन में रहता है और आपकी बात भी मानता है। जब बच्‍चा शांत हो जाए तो उससे बात करें और समझाएं कि वो कैसे अपने गुस्‍से को कंट्रोल कर सकता है।