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परमाणु बॉम्‍बर, 100 महाविनाशक युद्धपोत… रूस ने समुद्र में शुरू किया युद्धाभ्‍यास, नाटो भी बरसा रहा बारूद


रूस ने सोमवार को बाल्टिक सागर और प्रशांत महासागर में जोरदार युद्धाभ्‍यास शुरू किया है। इस अभ्‍यास में 2 परमाणु बॉम्‍बर और 100 फाइटर जेट हिस्‍सा ले रहे हैं। व्‍लादिमीर पुतिन ने यह अभ्‍यास ऐसे समय पर शुरू किया है, जब हाल ही में नाटो देशों ने रूसी सीमा के पास व्‍यापक युद्धाभ्‍यास किया था। बताया जा रहा है कि नाटो को चेतावनी देने के लिए रूस ने 100 युद्धपोतों के साथ युद्धाभ्‍यास शुरू किया है। यही नहीं रूस ने दो परमाणु बॉम्‍बर को उत्‍तरी स्‍कॉटलैंड के पास उड़ाकर डराने की कोशिश की है।
यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों के साथ गंभीर तनाव के बीच रूस ने प्रशांत महासागर और बाल्टिक सागर दोनों में ही एक साथ युद्धाभ्‍यास शुरू किया है। पुतिन ने यह अभ्‍यास ऐसे समय पर शुरू किया है जब नाटो ने बाल्टिक सागर में अपना वार्षिक नौसैनिक अभ्‍यास बाल्टिक सागर में शुरू किया है। रूस ने बाल्टिक में अपने 40 युद्धपोतों, 3500 सैनिक और 25 फाइटर जेट तथा हेलिकॉप्‍टर को नौसैनिक अभ्‍यास में शामिल किया है। रूस बाल्टिक सागर को नाटो के 7 देशों के साथ साझा करता है।
बाल्टिक में नाटो देश भी दिखा रहे हैं ताकत – इसके अलावा स्‍वीडन भी इसी सागर से सटा है जो जल्‍द ही नाटो देशों में शामिल होने जा रहा है। रूस ने कहा है कि बाल्टिक सागर में चलने वाला उसका ऑपरेशनल अभ्‍यास 15 जून तक चलेगा। वहीं नाटो ने भी अपने 50 युद्धपोत, 6 हजार जवान और 45 से ज्‍यादा एयरक्राफ्ट को इस अभ्‍यास में शामिल किया है। अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि इस अभ्‍यास में पहली बार फिनलैंड भी हिस्‍सा ले रहा है। वहीं रूस अपने सुदूरपूर्व में प्रशांत महासागर में 60 से ज्‍यादा नौसैनिक युद्धपोत और 35 एयरक्राफ्ट के साथ जापान के पास जंग का अभ्‍यास कर रहा है।
पुतिन के प्रशांत महासागर में चलाए जा रहे अभ्‍यास में 11 हजार सैनिक हिस्‍सा ले रहे हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि 5 जून से 20 जून के बीच सभी सेनाओं का अभ्‍यास किया जा रहा है। इस बीच रूस ने अपने दो परमाणु मिसाइलों से लैस बॉम्‍बर Tu-95MS को नार्वे के पास समुद्र में उड़ाया है। इसके साथ रूस का मिग 31 सुपरसोनिक फाइटर जेट भी गश्‍त पर निकला था। रूस इन दोनों ही विमानों की मदद से यूक्रेन पर कई बार भीषण हमले कर चुके हैं। माना जा रहा है कि रूस ने नाटो को करारा जवाब देने और यूक्रेन जंग के बाद भी अपनी ताकत के प्रदर्शन के लिए इस अभ्‍यास को अंजाम दे रहा है।