
Ladakh Standoff: भारत और चीन के बीच तनाव को सुलझाने के लिए दोनों देशों के अधिकारी बातचीत कर रहे हैं और शांतिपूर्ण समाधान निकालने की ओर प्रतिबद्धता की बात कर रहे हैं, जबकि चीनी मीडिया प्रॉपगैंडा में लगा है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव को लेकर शनिवार को लंबी बातचीत हुई जिसके बाद दोनों देशों ने इसका शांतिपूर्ण समाधान निकालने पर रजामंदी कायम की। दूसरी ओर, चीनी मीडिया का भारत के खिलाफ जहर उगलना जारी है। इससे संकेत मिलते हैं कि मीडिया को कंट्रोल करने वाला चीन अप्रत्यक्ष रूप से भारत को ‘कड़े संदेश’ देने की कोशिश में है।
चीन के प्रॉपगैंडा न्यूज पोर्टल ग्लोबल टाइम्स के एक ट्वीट से यह इशारा मिलता है कि चीन हालात में मौजूद तनाव को बढ़ाना चाहता है। दरअसल, ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को ट्वीट किया- ‘भारत में रणनीति तैयार करने और नीतियां बनाने का अधिकार एक छोटे से समूह में लोगों के पास है, जो चीन के खिलाफ नकारात्मक विचारों से भरे हुए हैं। चीन के उदय और पेइचिंग और नई दिल्ली के बीच बढ़ती खाई की वजह से चीन को लेकर भारत की उलझन बढ़ती जा रही है।’
अधिकारियों की बातचीत का असर नहीं
ग्लोबल टाइम्स का ट्वीट सिर्फ इसलिए अहम नहीं है क्योंकि इसमें भारत के नेतृत्व पर और चीन को लेकर उसके रवैये पर सवाल उठाया गया है, बल्कि इसलिए भी कि इसमें ग्लोबल टाइम्स के जिस आर्टिकल का लिंक अटैच किया गया है, वह भारत और चीन के कमांडर लेवल के अधिकारियों के बीच बातचीत से एक दिन पहले का है। यानी दोनों देशों के बीच शांति को लेकर प्रतिबद्धता जताए जाने के बावजूद ग्लोबल टाइम्स ने भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए ऐसा किया।
पिछले साल जब लद्दाख में चीन के साथ तनावपूर्ण स्थिति पैदा हुई थी, तब भारतीय सेना और एयरफोर्स ने ऊंचाई वाले इलाकों में जोरदार युद्धाभ्यास किया था और दुश्मन को अपनी सैन्य ताकत का अहसास कराया था। रूस से आए सेना के अत्याधुनिक टी-90 भीष्म टैंकों की गड़गड़ाहट से लद्दाख की पहाड़ी वादियां भी थर्रा उठी थीं। ये टैंक अपनी मोबिलिटी, फायर करने की क्षमता, देखते ही निशाना मारने की काबिलियत और आत्मरक्षा के लिए जाने जाते हैं। इनके अलावा एयर फोर्स के सी-17 विमानों ने रात के अंधेरे में भी रसद पहुंचाने की क्षमता का प्रदर्शन किया था।
रूस निर्मित एमआई 17वी5 चॉपर का भी इस्तेमाल इस युद्धाभ्यास में किया गया था। इन्हें दुनिया के सबसे अडवांस्ड हेलिकॉप्टर्स में से एक माना जाता है। ये असॉल्ट, ऐंबुलेंस और ट्रांसपोर्टर के तौर पर बेहतरीन काम कर सकते हैं। खास बात यह है कि यह बेहद सर्दी से लेकर बेहद गर्मी वाले इलाकों में भी बेहतरीन काम करते हैं। इनका फ्लाइट नैविगेनशन, दिन-रात, सर्दी-गर्मी, बारिश-तूफान कैसे भी हालात में ऑपरेट करने में मदद करता है।
अमेरिका का 4-इंजन टर्बोप्रॉप मिलिटरी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बिना किसी खास रनवे के टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकता है। इसे पहले मेडिकल इवैक (Evacuation) और कार्गो के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके खास एयरफ्रेम की वजह से इसका इस्तेमाल असॉल्ट, सर्च ऐंड रेस्क्यू, साइंटिफिक रीसर्च, मौसम के जायजे, एरियल रिफ्यूलिंग, मैरीटाइम पट्रोल और एरियल फायर फाइटिंग के लिए किया जाता है।
बीच की ऊंचाई पर उड़ने वाले इजरायल के Heron UAV की खासियत है ज्यादा वक्त तक लंबी दूरी तय कर पाने की काबिलियत। यह अनमैन्ड एरियल वीइकल 52 घंटों तक उड़ान भर सकता है। यह एक इंटरनल जीपीएस नैविगेशन डिवाइस से नैविगेट करता है। पहले से प्रोग्राम्ड फ्लाइट होने पर इसकी लैंडिंग और टेक-ऑफ भी प्रोग्राम्ड होता है। साथ में ग्राउंट कंट्रोल स्टेशन से इसे मैन्युअली भी ऑपरेट किया जा सकता है।
युद्धाभ्यास की तस्वीरें, वीडियो शेयर कीं
यही नहीं, ग्लोबल टाइम्स युद्धाभ्यास की तस्वीरें और वीडियो जारी करता रहता है और भारत के सामने अपनी ताकत का प्रदर्शन करने की कोशिश करता रहता है। दिलचस्प बात यह है कि सीमा पर तनाव बढ़ने के शुरुआती दिनों में जब चीन ने सब कुछ सामान्य होने दावा किया था और कहा था कि उसकी सेना पट्रोलिंग कर रही थी, तब ग्लोबल टाइम्स ने युद्धाभ्यास की तस्वीरें शेयर करते हुए कहा सीमा पर तनाव का ही हवाला दिया था।
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