
इस्लामाबादः पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में हाफिज सईद समेत कई आतंकी गुट सियासी दलों को खुलकर समर्थन दे रहे हैं। यहां के खतरनाक आतंकवादी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन (एचयूएम) के संस्थापक और अल कायदा से संपर्क रखने वाले फजरुर्रहमान खलील ने भी पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को खुलकर समर्थन की ताल ठोकी है। जबकि अमरीका इस आतंकी गुट के सरगना खलील को 30 सितंबर 2014 को ही वैश्विक आतंकवादी संगठन की सूची में डाल चुका है।
पाक में कुख्यात आतंकी गुटों का राजनीति के मैदान में उतरना बताता है कि देश में आतंकवाद को खुला संरक्षण मिला हुआ है। एचयूएम के संस्थापक खलील ने बाद में अंसारुल उम्माह नामक संगठन बनाया जिसे वह एक राजनीतिक दल बताता है। ये दोनों ही संगठन अमरीका की स्पेशल डेजिगनेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (एसडीजीटी) की सूची में शामिल हैं।
पीटीआई के उम्मीदवार असद उमर ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि खलील इमरान की पार्टी में शामिल हो गया है और इस्लामाबाद संसदीय सीट के लिए उसका समर्थन पार्टी को मिलेगा। हालांकि उमर ने बाद में सुधार करते हुए कहा कि मौलाना ने चुनावों में उसे समर्थन देने का फैसला किया है। पाक सियासत में आतंकियों के साथ-साथ सेना के दखल के भी आरोप लग रहे हैं। खलील ने भी पाक मीडिया में स्वीकार किया है कि वह पीटीआई को समर्थन देगा।
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