
पाकिस्तान के कराची में हुए प्लेश क्रैश को लेकर अब नया खुलासा हुआ है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के प्लेन के साथ हुए हादसे की जांच की पहली रिपोर्ट में जो वजह सामने आई है वह बेहद चौकाने वाली है। हादसे को लेकर पायलट के बारे में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्या हादसे से पहले फ्लाइट संख्या PK-8303 के कॉकपिट में चालक दल के सदस्यों को संकट के बारे में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को जानकारी देने से रोका गया था। नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने कहा है कि विमान चालक दल को दो बार चेतावनी दी गई, जिसे पायलट ने नजरअंदाज कर दिया।
यही हादसे की सबसे बड़ी वजह रही। बता दें कि इस दुर्घटना में 97 लोगों की मौत हो गई, केवल दो लोग ही जिंदा बच पाए। पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने हादसे के संबंध में कहा है कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के पायलट ने विमान की ऊंचाई और गति के बारे में जारी की गई चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया था, क्योंकि उसका मानना था कि विमान उतरने के लिए तैयार है। पाकिस्तानी जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या दुर्घटना पायलट की गलती से हुई या किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, Airbus A-320 के इंजनों ने पायलट के विमान उतारने के पहले प्रयास में तीन बार रनवे को छुआ था जिससे एक्सपर्ट ने फ्रिक्शन यानी घर्षण दर्ज किया।
इसके बाद पायलट ने फिर से उड़ान भरी जिससे अधिकारियों को यह काफी अजीब लगा कि कॉकपिट में चालक दल के सदस्यों ने जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ATC को ‘लैंडिंग गियर’ के संबंध में किसी समस्या के बारे में नहीं बताया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब विमान ने लैंडिंग के पहले असफल प्रयास में जमीन को छुआ तो संभव है कि इंजन का तेल टैंक और ईंधन पंप क्षतिग्रस्त हो गए जिससे पायलट विमान को सुरक्षित नहीं कर पाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई सवाल बहुत गंभीर हैं कि कॉकपिट में अलार्म सिस्टम पायलटों को अचानक आई इमरजेंसी के बारे में जानकारी देने में क्यों और कैसे विफल रहे।
PIA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरशद मलिक ने कहा कि विमान का ब्लैक बॉक्स जांच दल को सौंप दिया गया है। पीआईए के इंजीनियरिंग और रखरखाव विभाग के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त विमान की दो महीने पहले जांच की गई थी और इसने दुर्घटना से एक दिन पहले मस्कट से लाहौर के लिए उड़ान भरी थी। बता दें कि PIA का विमान PK-8303 के शुक्रवार को एक घनी आबादी वाले आवासीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त होने से 9 बच्चों समेत 97 लोगों की मौत हो गई थी और दो यात्री इस हादसे में चमत्कारिक ढंग से बच गए थे।
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