
भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान कि रिहाई डर के कारण की गई बयान को लेकर अब पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत के जवान को रिहा करने के लिए देश पर कोई दबाव नहीं था। बता दें कि इससे एक दिन पहले विपक्ष के एक शीर्ष नेता ने कहा था कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने देश पर भारत के हमले के डर से उच्चस्तरीय बैठक में पायलट को रिहा किए जाने का अनुरोध किया था। पाकिस्तान की सेना ने 37 साल के भारतीय वायु सेना के पायलट को 27 फरवरी 2019 पकड़ लिया था । इससे पहले पाकिस्तान ने उनके मिग-21 बाइसन जेट विमान को मार गिराया था।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर हुये हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना के जेट विमानों ने 26 फरवरी 2019 को तड़के पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों पर बमबारी की थी। पुलवामा आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। अभिनंदन ने मिग को गिराए जाने से पहले पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था । पाकिस्तान ने उन्हें एक मार्च की रात को रिहा कर दिया था। उस दिन के तनाव को याद करते हुए इस्लामाबाद में नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष अयाज सादिक ने कहा, ”पैर कांप रहे थे, माथे पर पसीना था और विदेश मंत्री (कुरैशी) ने हमसे कहा कि अल्लाह के लिए उन्हें (अभिनंदन) अब वापस जाने दो, क्योंकि भारत रात 9 बजे पाकिस्तान पर हमला करने ही वाला है ।”
सादिक ने कहा कि भारत हमले की योजना नहीं बना रहा था…वे केवल इतना चाहते थे कि पाकिस्तान भारत के सामने झुक जाए और अभिनंदन को वापस भेजा जाए। सादिक की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने गुरुवार को कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई को लेकर पाकिस्तान पर कोई दबाव नहीं था। प्रवक्ता ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान सरकार ने यह निर्णय शांति के मद्देनजर लिया था और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस फैसले का स्वागत किया था।
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