
सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान रविवार रात पाकिस्तान पहुंच गए। इस्लामाबाद में प्रिंस की अगवानी पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने की और रेड कार्पेट स्वागत किया । पीएम इमरान ने एयरपोर्ट पर उन्हें गले लगाकर स्वागत किया। इस दौरान इमरान खान पूर्ण रूप से प्रिंस की सेवा करने को उत्साहित दिखे। उनके द्वारा की गई चापलूसी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नूर खान एयर बेस से इमरान ड्राइवर बनकर प्रिंस सलमान को कार में बाहर लेकर आए । एयर बेस से निकलते वक्त इमरान प्रिंस सलमान के ड्राइवर सीट पर बैठे दिखे। उन्होंने खुद कार ड्राइव की और गंतव्य स्थल तक उन्हें लेकर पहुंचे।
इससे पहले पाकिस्तान द्वारा प्रिंस सलमान की चापलूसी का एक और नजारा दिखा, जिसमें हवा में प्रिंस के विमान के चारों तरफ पाकिस्तानी जेट फाइटर उड़ रहे थे। नूर खान हवाईअड्डा पर उनके आगमन के बाद पीएम हाउस में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जानकारी के मुताबिक प्रिंस के साथ सऊदी अरब के शाही परिवार के सदस्य, अहम मंत्री और प्रमुख कारोबारी समेत एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा है। सलमान और उनके प्रतिनिधिमंडल के भव्य स्वागत के लिए इस्लामाबाद में विशेष इंतजाम किए गए हैं।
संसद भवन पर सलमान का 120 फुट ऊंची और 45 फुट चौड़ी विशाल तस्वीर लगाई गई है। इस अवसर पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए है और सभी महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों और दूतावासों तक जाने वाले रास्तों को सील कर दिया है। शहर और प्रवेश स्थानों पर 1,000 से ज्यादा सुरक्षा जांच चौकियां बनाई गई हैं।मोहम्मद बिन सलमान के लिए चार स्तरीय सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। कामगारों और छात्रों को परेशानी से बचाने के लिए सोमवार को अवकाश घोषित किया गया है। प्रिंस का यह पाकिस्तान दौरा पुलवामा आतंकी हमले के बाद हुआ है।
बता दें कि प्रिंस को एक दिन पहले यानी शनिवार को ही पाकिस्तान पहुंचना था लेकिन उन्होंने पुलवामा हमले के बाद अपनी प्रस्तावित यात्रा को एक दिन के लिए टाल दिया था। प्रिंस सलमान दो दिनों के लिए पाकिस्तान दौरे पर पहुंचे हैं। ये उनकी पहली पाकिस्तान यात्रा है. इससे पहले सऊदी अरब ने पुलवामा हमले की जोरदार निंदा की थी।
सऊदी अरब ने शुक्रवार को कहा, ‘वह आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ भारत की लड़ाई में साथ है और उसने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले को कायरतापूर्ण बताते हुए उसकी निंदा की। गौरतलब है कि इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए।
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