
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में भारत के नये निवास नियमों को ‘‘अवैध’’ करार दिया है और आरोप लगाया है कि यह दोनों देशों के बीच समझौते और संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन है।
आवास नियमों के तहत जो लोग भी जम्मू-कश्मीर में 15 वर्षों से रह रहे हैं या सात वर्षों तक वहां पढ़ाई की है और केंद्र शासित प्रदेश के किसी शैक्षणिक संस्थान से दसवीं या 12वीं की परीक्षाएं दी हैं, वे सभी लोग निवासी होने के योग्य हैं।
विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘नया निवास नियम अवैध है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के संबंधित प्रस्तावों, चौथे जिनेवा समझौते सहित अंतरराष्ट्रीय कानून और भारत तथा पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।’’
सने यह भी आरोप लगाया कि निवास नियम का उद्देश्य घाटी के जनसांख्यिकीय ढांचे को बदलना है।
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा पिछले वर्ष पांच अगस्त को समाप्त किए जाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के खिलाफ पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने की असफल कोशिश करता रहा है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करना इसका अंदरूनी मामला है। इसने पाकिस्तान को यह भी सलाह दी कि वह हकीकत को स्वीकार करे और भारत विरोधी सभी दुष्प्रचारों पर रोक लगाए।
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