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गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांत बनाकर कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का बदला ले रहा पाक: EFSAS


जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35A को समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद ” जवाबी कार्रवाई ” में पाकिस्‍तान सरकार और सेना प्रमुख अचानक से पाक अधिकृत कश्‍मीर के गिलगित-बाल्टिस्‍तान को देश का पांचवां प्रांत घोषित करने पर तुले हैं । पाक के इस कदम के पीछे चीन का हाथ माना जा रहा है। द यूरोपियन फाउंडेशन फ़ॉर साउथ एशियन स्टडीज़ (EFSAS) का दावा है कि गिलगित-बाल्टिस्‍तान को अब पाकिस्‍तान का प्रांत बनाए जाने की योजना भारत के जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख को केंद्रशासित राज्‍य बनाए जाने के बाद चीन ने ही बनाई है।
यूरोपीय थिंक टैंक ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस फैसले को पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान की धारा 370 और 35A को रद्द करने के भारत के कदमों के लिए “प्रतिक्रिया” के रूप में देखा जा सकता है। थिंक टैंक ने कहा कि गिलगित बाल्टिस्तान को हड़पने का फैसला केवल रावलपिंडी में हो सकता है, इस्लामाबाद में नहीं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन को खुश करने के लिए इमरान सरकार किसी भी दिन इसकी घोषणा कर सकती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को चीन ने गिलगित बाल्टिस्तान पर कब्जा करने के लिए मजबूर किया है क्योंकि वह अरबों डॉलर की अपनी महत्वकांशी CPEC परियोजना को हर हाल में पूरा करना चाहता है। जबकि इस क्षेत्र के लोग इसका विरोध कर रहे हैं ।
विश्‍लेषकों के अनुसार भारत और अमेरिका पाकिस्‍तान के इस कदम को लद्दाख का बदला लेने के लिए चीन के प्रभाव में उठाया गया कदम मान रहे हैं। पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के पिछले अक्‍टूबर महीने में हुए पेइचिंग दौरे के बाद से अब तक चीन ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में कई बार इस्‍लामाबाद की आड़ में कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को खत्‍म करने का मुद्दा उठाया है। चीन के इस कदम पर भारत अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर कर चुका है।

यही नहीं पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनातनी चल रही है और दोनों ही देशों ने हजारों की तादाद में अपने सैनिक वहां तैनात कर रखे हैं। बता दें कि लद्दाख और गिलगित-बाल्टिस्‍तान आपस में सटे हुए हैं और सियाचीन ग्‍लेशियर इन दोनों को ही अलग करता है। विश्‍लेषकों का कहना है कि गिलगित-बाल्टिस्‍तान के दर्जे को बदलने के पाकिस्‍तानी कदम से भारत की यह आशंका बढ़ जाएगी कि उसे पहाड़ों पर पाकिस्‍तान और चीन के खिलाफ टू फ्रंट वॉर लड़ना होगा।