चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हमलों से दहशत में आए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के सामने गुहार लगाई है। इस्लामाबाद ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र को बताया कि पाकिस्तान के अंदर हमला करने के लिए टीटीपी अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान के केंद्रीय गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि इंद्रिका रत्वाटे के साथ बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से सीमा पर से हो रहे आतंकवादी हमलों को रोकने में भूमिका निभाने का आग्रह किया। पड़ोसी अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है।
टीटीपी ने किए पाकिस्तान में बड़े हमले – अफगानिस्तान से लगी उत्तरी सीमा पर टीटीपी ने बड़े हमलों को अंजाम दिया है, जिसमें पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और पाकिस्तान में विदेशी निवेश को खास तौर पर निशाना बनाया गया है। इस्लामाबाद ने अफगानिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई की बार-बार मांग की है लेकिन काबुल की तालिबान सरकार ने इससे इनकार किया है। टीटीपी के मुद्दे पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर काफी तनाव रहा है। पाकिस्तानी न्यूज आउटलेड ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्री और संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत के दौरान टीटीपी मुद्दा और अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल मुख्य चर्चा बिंदुओं में से एक था।
पाकिस्तान खुद हुआ आतंकवाद का शिकार – एक आधिकारिक बयान में मंत्री के हवाले से कहा गया कि आतंकवाद एक वैश्विक मुद्दा है और पाकिस्तान इससे सबसे अधिक प्रभावित देश है। उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि पाकिस्तान के सुरक्षाबलों, पुलिस और लोगों ने आंतकवाद के खिलाफ युद्ध में कुर्बानी दी है। पाकिस्तानी गृह मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधिमंडल को पाकिस्तान में होने वाले आतंकवादी हमलों में टीटीपी के शामिल होने के बार में जानकारी दी।
अफगानिस्तान पर आरोप – नकवी ने कहा कि टीटीपी इन हमलों के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल कर रहा है, जिसे रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता चाहता है और इस संबंध में हर संभव सहायता कर रहा है। उन्होंने पाकिस्तान से अफगान शरणार्थियों को वापस भेजे जाने के बारे में भी जानकारी।
Home / News / टीटीपी के हमलों से दहशत में पाकिस्तान, तालिबान नहीं माना तो संयुक्त राष्ट्र से लगाई गुहार, जानें क्या कहा