
विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री इमरान खान की कथित टिप्पणी पर आपत्ति जाहिर की है, जिसमें उन्होंने कहा कि सेना जानती है कि देश में कौन भ्रष्टाचारी है। विपक्षी पार्टियों ने इस बयान को गैर जिम्मेदाराना करार दिया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने पाकिस्तान के सैन्य और राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थानों के बारे में अपने गैर जिम्मेदाराना बयानों के लिए प्रधानमंत्री के महाभियोग का आह्वान किया।
इसी तरह जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के प्रमुख सीनेटर सिराजुल हक ने कहा कि प्रधानमंत्री का दृढ़ता के साथ कहना कि सेना का उन्हें समर्थन है, राष्ट्रीय संस्थान को राजनीति में खींचने के समान है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने बनीगला निवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कथित तौर पर कहा था कि सेना अच्छी तरह से जानती थी कि न तो वह पैसा कमा रहे हैं और न ही वह भ्रष्ट हैं, क्योंकि वह दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इसलिए वह सेना से भयभीत नहीं हैं।
इमरान खान ने यह बयान एक सवाल पर जवाब देते हुए दिया, जिसमें उनके संस्थान के साथ अच्छे संबंध नहीं होने को लेकर सवाल किया गया था। खान ने स्पष्ट किया कि एजेंसियों को पता है कि कौन क्या कर रहा है और यही वजह है कि जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, डरे हुए हैं।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website