
अमेरिका ने पाकिस्तान के लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाए हैं। राष्ट्रीय विकास परिसर (NDC) और उससे जुड़ी तीन कराची स्थित कंपनियां टार्गेट हैं। ये प्रतिबंध सामूहिक विनाशकारी हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए हैं। NDC मिसाइल विकास में केंद्रीय भूमिका निभाता है। पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु बम हैं।
अमेरिका ने पाकिस्तान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को एक बड़ा झटका देते हुए प्रतिबंधों की एक नई लहर की घोषणा की है। इसमें पाकिस्तानी सरकार के स्वामित्व वाले राष्ट्रीय विकास परिसर (NDC) और उससे जुड़ी कराची स्थित तीन कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने खुलासा किया कि प्रतिबंध एक कार्यकारी आदेश के तहत जारी किए गए थे। इसका उद्देश्य सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और उन्हें वितरित करने के लिए इस्तेमाल की जानी वाली टेक्नोलॉजी पर अंकुश लगाना था।
कंपनी से जुड़ी कोई भी संपत्ति अमेरिका में है तो प्रतिबंधों के जरिए इसे जब्त करने का अधिकार है। इसके अलावा यह अमेरिकी नागरिकों और व्यवसायों को उनके साथ जुड़ने से भी रोकता है। अमेरिकी विदेश विभाग की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘पाकिस्तान के लंबी दूरी के मिसाइल विकास के निरंतर प्रयास के खतरे के मद्देनजर, संयुक्त राज्य अमेरिका कार्यकारी आदेश (E.O) 13382 के अनुसार प्रतिबंधों के लिए चार संस्थाओं को नामित कर रहा है, जो सामूहिक विनाश के हथियारों और उनके डिलीवरी के प्रसारकों को टार्गेट करता है।’
खतरनाक मिसाइलें बना रहा पाकिस्तान – NDC का मुख्यालय इस्लामाबाद में है। अमेरिकी विदेश विभाग की फैक्टशीट के अनुसार NDC पाकिस्तान के मिसाइल डेवलपमेंट से जुड़े प्रयासों में केंद्रीय भूमिका निभाता है। यह सक्रिय रूप से देश की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों के लिए घटकों की तलाश कर रहा है, जिसमें शाहीन सीरीज की मिसाइलें भी शामिल हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं।
पाकिस्तान के पास 170 परमाणु बम – बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स के शोध से पता चलता है कि पाकिस्तान के हथियार भंडार में अब लगभग 170 परमाणु बम हैं। पाकिस्तान ने 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया। पाकिस्तान परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने से जुड़े अंतरराष्ट्रीय समझौता से बाहर है। प्रतिबंधों में तीन निजी कंपनियों-एफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड और रॉकसाइड एंटरप्राइज शामिल हैं। इन पर NDC के मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण हासिल करने में मदद का आरोप है।
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