
पाकिस्तान ने अपने दोहरे रवैये को साबित करते हुए आतंकियों को अपनी जमीन पर शरण देना और VIP ट्रीटमेंट देना जारी रखा है। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की तलवार पाकिस्तान के ऊपर लटक रही है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की सरकार 21 खतरनाक आतंकियों को VIP सिक्यॉरिटी दे रही है। इनमें वे आतंकी भी शामिल हैं जिनके खिलाफ पिछले महीने प्रतिबंध लागू किए गए थे।
दिया जा रहा VIP ट्रीटमेंट
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक पाकिस्तान ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, बब्बर खालसा इंटरनैशनल के चीफ वाधवा सिंह, इंडियन मुजाहिदीन रियाज भटकल, मिर्जा शादाब बेग और आतिफ हसन सिद्दीबपा को VIP ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। इनमें से कई ऐसे आतंकी हैं जिन्हें भारत ने मोस्ट-वॉन्टेड घोषित कर रखा है जबकि पाकिस्तान ने उन्हें शरण दे रखी है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की है। हालांकि, उसने यह विस्तृत जानकारी नहीं दी है कि उसने क्या कदम उठाए हैं।
लगाए थे कई प्रतिबंध
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में पाकिस्तान ने ऐसा दिखाने की कोशिश की है कि वह FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर रहने के लिए कदम उठाए हैं। पिछले महीने पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सिक्यॉरिटी काउंसल (UNSC) 88 आतंकी सरगनाओं और आतंकी संगठनों के सदस्यों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए थे। इस लिस्ट में हाफिज सईद, मसूद अजहर और जकिउर रहमान लकवी और दाऊद इब्राहिम भी शामिल थे।
पाकिस्तान ने जो दस्तावेज जारी किया है, उसमें बताया है कि शेख दाऊद इब्राहिम कासकर का जन्म भारत के महाराष्ट्र में रत्नागिरी के खेर में 26 दिसंबर, 1955 को शेख इब्राहिम अली कासकर के घर में हुआ था। उसकी नागरिकता भी भारतीय बताई गई है। साथ ही उसके सभी नामों जैसे दाऊद हसन, अद्बुल हमीन अब्दुल आजीज, दाऊद साबरी, दाऊद भाई, हाजी भाई, बड़ा भाई, आदि का जिक्र भी किया गया है।
भारत में बॉम्बे से लेकर पाकिस्तान तक में जारी किए गए उसके कई पासपोर्ट का जिक्र भी दस्तावेज में किया गया है। इसमें बताया गया है कि 1985 में बॉम्बे में जारी किए गए पासपोर्ट को भारत सरकार ने रद्द कर दिया था। इसके अलावा बॉम्बे में 1975, 1978, 1979, 1981, 1983, 1985, जेद्दाह में 1989 , दुबई में 1985, रावलपिंडी में 1991 और 2001, 1996 में कराची में पासपोर्ट जारी किए गए।
सबसे खास बात यह है कि अभी तक दाऊद के पाकिस्तान में होने की बात नकारते आ रहे पाकिस्तान ने कराची में उसके तीन-तीन पते बता दिए हैं। इस दस्तावेज में शामिल उसके अड्रेस में कराची के क्लिफ्टन में सऊदी मस्जिद के पास वाइट हाउस, हाउस नंबर 37, 30वीं स्ट्रीट-डिफेंस, हाउसिंग अथॉरिटी और नूराबाद में पलेशियल बंगले का जिक्र किया गया है।
पाकिस्तान हमेशा दाऊद की मौजूदगी से इनकार करता रहा लेकिन दाऊद के भाई इकबाल कासकर ने 2017 में बताया था कि दाऊद पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है। उसने यह दावा भी किया था कि नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद दाऊद ने पाकिस्तान में चार बार अपना ठिकाना बदला था। कराची में पाकिस्तान आर्मी और आईएसआई उसकी सुरक्षा में तैनात है। यूरोप में अमेरिका तक काले धंधे का व्यापार करने वाले दाऊद की कई संपत्तियों ब्रिटेन में भी होने का दावा किया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन की एसेक्स और केंट जैसी काउंटीज में संपत्ति का दावा किया जाता है। ब्रिटेन के अलावा दाऊद की कई संपत्तियां संयुक्त अरब अमीरात, स्पेन, मोरक्को, तुर्की, साइप्रस और ऑस्ट्रेलिया में बताई जाती हैं।
आतंकी फंडिंग का आरोप
पाकिस्तान को 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था और सरकार को फरवरी में चेतावनी दी थी कि जून 2020 तक ऐक्शन पॉइंट्स पूरे किए जाएं। जून में ये डेडलाइन सितंबर के लिए आगे बढ़ा दी गई थी। इस लिस्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने अपने देश में आतंकी संगठनों की फंडिंग खत्म करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए हैं। अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में भी यह दावा किया गया था कि पाकिस्तान की धरती पर पनप रहे आतंकी संगठनों ने भारत में हुए आतंकी हमलों को अंजाम दिया था।
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