
पाकिस्तान की कंगाल इमरान खान सरकार को नया झटका लगा है। आर्दिथक मंदहाली के बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान की इमरान खान राज में नैया पूरी तरह डूबती नजर आ रही है। पाक का व्यापारिक घाटा मौजूदा वर्ष के मई माह में 134 फीसदी तक बढ़ गया है। पिछले वर्ष इसी माह में जहां ये 1.466 बिलियन डॉलर था वहीं अब ये बढ़कर 3.432 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। ऐसा एक्सपोर्ट में कमी और इंपोर्ट में वृद्धि की वजह से हुआ है। पाकिस्तान के मुखपत्र डॉन अखबार के मुताबिक देश के वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को इसके आंकड़े पेश किए हैं।
मंत्रालय ने बताया कि व्यापारिक घाटे के बढ़ने से इमरान सरकार के लिए कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। साथ ही सरकार के लिए एक्सटर्नल अकाउंट पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है। इस घाटे को यदि रुपए में देखा जाए तो ये सालाना 125 फीसदी से अधिक की दर से बढ़ रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2020 से ही आयात और निर्यात के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक पहले ये व्यापारिक घाटा करीब 32 बिलियन डॉलर से कम होकर 23 बिलियन डॉलर पर आ गया था।
द डॉन ने लिखा कि सरकार के सामने अब इंपोर्ट बढ़ाने की गंभीर समस्या आ खड़ी हुई है । सरकार का कहना है कि इस घाटे के बढ़ने की बड़ी वजह पेट्रोलियम, गेंहू, चीन, सोयाबीन, मशीनरी, कच्चा माल और केमिकल, मोबाइल फोन, फर्टीलाइजर, टायर, एंटीबायोटिक दवाएं और वैक्सीन का बड़े पैमाना पर आयात होता है। जिस तरह के हालात हैं उसको देखते हुए मौजूदा वित्त वर्ष में जून के खत्म होने तक चालू खाता घाटा 4 बिलियन डॉलर से 6 बिलियन डॉलर के बीच हो सकता है।
यही नहीं वैल्यू एडेड सेक्टर ने सरकार को आने वाले दिनों में कच्चे माल की कमी होने की भी चेतावनी दी है। इनका कहना है कि यदि सूती धागा उन्हें उचित मात्रा में उपलब्ध नहीं हो सका तो उनके पास जो माल निर्यात का ऑर्डर है वो भी दूसरों के हाथों में चला जाएगा। गौरतलब है कि सरकार सूती धागे से इंपोर्ट ड्यूटी और कर को खत्म कर चुकी है।
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