
भारत में आंतंक फैलाने व कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान अब खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों की मदद ले रहा है। पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI की भारत के खिलाफ नई साजिश का खुलासा हुआ है। खालिस्तान रेंफरेंडम के जरिए ये दुनियाभर के सिख अलगाववादियों को एकजुट कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ISI ने लाहौर में खालिस्तानी आतंकियों के साथ कई गुप्त बैठकें कीं। इनमें भारत के पंजाब प्रांत में अशांति फैलाने की नई साजिशों का ताना बाना बुना गया।
इस साजिश में पाकिस्तान दुनिया भर में स्थित अपने दूतावासों की भी मदद ले रहा है। पाक दूतावासों से कहा गया है कि वे खालिस्तानी अलगाववादियों व आतंकियों को एकजुट करें, उन्हें पैसा और हथियार मुहैया कराकर पंजाब में गड़बड़ी फैलाने के लिए उकसाएं। इसके लिए ISI ने ‘खालिस्तान घोषणापत्र’ नाम से साजिश तैयार की है। खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की ‘नई योजना’ के तहत खालिस्तान समर्थक आतंकवादी समूहों ने भारत में चरमपंथ को बढ़ावा देने के लिए लाहौर स्थित गुरुद्वारे में शरण ले रखी है। खुफिया जानकारी के अनुसार, 1984 में श्रीनगर-लाहौर फ्लाइट के कथित अपहरणकर्ता को लाहौर के पंजा साहिब गुरुद्वारे में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मिलते देखा गया।
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की योजना लाहौर के गुरुद्वारे में खालिस्तानी चरमपंथियों को रखने की है, ताकि वे सिख श्रद्धालुओं को ‘कट्टरपंथी’ बना सकें। सूत्रों की मानें तो अपहरणकर्ता रविंदर सिंह पिंका और उसके सहयोगी पंजा साहिब की 100वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारत से आए सिख श्रद्धालुओं से मिले ।पिंका ने जानबूझकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ एक फोटो क्लिक की जिसे बाद में ढूंढ निकाला गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अधिकारियों को पिंका के बारे में सूचित किया गया, तो वीडियो को तुरंत एसजीपीसी की वेबसाइट से हटा लिया गया।
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