
विश्व इकोनॉनिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) द्वारा मंगलवार को जारी वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांक रिपोर्ट 2020 में पाकिस्तान की बदतर स्थिति का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया कि लैंगिक समानता के मामलों में 153 देशों की सूची में पाकिस्तान का स्थान 151वां है। इससे खराब हालत केवल क्रमश: इराक और यमन की है। साल 2006 में लैंगिक समानता सूचकांक सूची में पाकिस्तान का स्थान 112वां था। आज देश 151वें स्थान पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि पाकिस्तान में महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर बहुत कम हैं। काम की जगहों पर पुरुषों और महिलाओं के बीच के गैप को अभी केवल 32.7 फीसदी ही भरा जा सका है। स्वास्थ्य और जन्म प्रत्याशा के मामले में यह असमानता बहुत ही अधिक बढक़र 94.6 फीसदी हो जाती है। इससे साफ है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद कम मिल रही हैं।
इस सूची में दक्षिण एशियाई देशों में बांग्लादेश का प्रदर्शन बेहद अच्छा उभरकर सामने आया है। इन सातों देशों में से बांग्लादेश में महिलाओं के लिए कुछ कमियों के बावजूद सबसे बेहतर हालात हैं। सूची में बांग्लादेश 50वें स्थान पर है। नेपाल 101वें, श्रीलंका 102वें, भारत 112वें, मालदीव 123वें और भूटान 131वें स्थान पर है। इन सातों देशों में महिलाओं की संख्या कुल मिलाकर 86 करोड़ है जिनमें से 3 चौथाई भारतीय हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में लैंगिक असमानता के मामले में मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका के बाद दक्षिण एशिया तीसरे स्थान पर है। श्रीलंका को छोडक़र दक्षिण एशिया के बाकी 6 देशों की संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 20 फीसदी या इससे भी कम है।
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