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मां-बाप को नहीं पता बच्‍चे के साथ बिहेव करने का सही तरीका, जानें कैसे दें मासूम को Respect


हम हर बार बस इसी बारे में बात करते हैं कि बच्‍चों को अपने बड़ों और मां-बाप से तमीज से बात करनी चाहिए लेकिन हम ये भूल जाते हैं पैरेंट्स का बच्‍चों के साथ व्‍यवहार करने का भी एक तरीका है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बच्‍चों को किस तरह से ट्रीट किया जाना चाहिए। एक्‍सपर्ट्स की मानें तो पैरेंट्स को अपने बच्‍चों को रिसपेक्‍ट यानि आदर के साथ पेश आना चाहिए। कई मां-बाप के मन में ये सवाल आता है कि आखिर बच्‍चों के लिए रिसपेक्‍ट क्‍यों जरूरी है और वो किस तरह अपने बच्‍चों के साथ आदर से पेश आ सकते हैं, आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
बच्‍चों को कैसे दें रिसपेक्‍ट – माता-पिता को हमेशा अपने बच्चों को प्रोत्साहित और सपोर्ट करना चाहिए क्योंकि इससे उनके आत्म-सम्मान पर बहुत असर पड़ता है। अपने बच्चे को हमेशा स्नेह दिखाएं। गले लगाकर या किस कर के जैसे शारीरिक संपर्क आपके बच्चे के साथ एक मजबूत पैरेंटिंग बॉन्‍ड बनाने में काफी मदद कर सकते हैं। कभी भी अपना गुस्सा या हताशा अपने बच्चों पर न निकालें। यदि आप अपने बच्चों के साथ सम्मान से पेश आते हैं, तो वे आपसे डरेंगे नहीं।
ये गलतियां ना करें – अपने बच्चे के सपनों को कुचलें नहीं। गलती किसी से भी हो सकती है और आपका बच्चा भी इससे अछूता नहीं है। जब आपके बच्चे कुछ गलत करते हैं तो उन्हें डांटें नहीं, क्योंकि ऐसा करने से उनका हौंसला टूट सकता है। बच्चे अक्सर वही बन जाते हैं जो माता-पिता उन्हें बताते रहते हैं कि वे बनेंगे। आप कितने भी व्यस्त क्यों न हों, अपने बच्चों के साथ खेलने के लिए समय निकालने की कोशिश करें। अपने बच्चों को लगातार दिखाएं कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं।
नेगेटिविटी से दूर रहें – जब बच्‍चों का सामना करने या उनके लिए बाउंड्री बनाने की बात आती है, तो अक्‍सर पैरेंट्स कुछ इस तरह के वाक्‍य इस्‍तेमाल करते हैं जैसे कि ‘तुम पागल हो’ या ‘तुम्‍हें समझ नहीं आता है’ । इससे बच्‍चे के आत्‍मविश्‍वास और आत्‍म-सम्‍मान को चोट पहुंचती है और वो अपनी ही क्षमताओं पर शक करने लगता है। पैरेंट्स को अपने बच्‍चे के लिए सुरक्षित माहौल बनाना चाहिए।
फोकस कर के चलें- क्‍या आपने कभी ऐसा किया है कि कोई रूल बनाया हो, उसे कुछ दिन फॉलो किया हो और फिर उसे भूल गए हों? बच्‍चे के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है, उसकी भी पसंद और नापसंद बदलती रहती है। बच्‍चे की राय, सोच या इमोशंस बदल सकते हैं और ये वयस्‍कों से अलग भी हो सकते हैं। इसलिए पैरेंट्स अपने बच्‍चे के आज के रिस्‍पॉन्‍स पर फोकस करें ना कि अतीत के बारे में सोचें। हो सकता है कि आज बच्‍चे ने जिस तरह से रिएक्‍ट किया है, वो पहले ऐसा ना करता हो। ऐसे में आप बच्‍चे को डांटने के बजाय उसकी बात को समझने की कोशिश करें और उसकी इच्‍छा का आदर करें।