ऐसे समय में जब भारतीय अपने चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ऑस्ट्रेलिया से आई एक तस्वीर ने टेंशन पैदा कर दी। जी हां, ऑस्ट्रेलिया के समुद्री तट पर गुंबद के आकार की रहस्यमय वस्तु बहकर आई है। कहा जाने लगा कि यह भारतीय रॉकेट का टुकड़ा हो सकता है जिसका इस्तेमाल सैटलॉइट लॉन्च के लिए किया गया था। इसे चंद्रयान-3 के रॉकेट से भी जोड़कर देखा जाने लगा। गुंबद के आकार की यह चीज पर्थ से करीब 250 किमी उत्तर में ग्रीन हेड समुद्र तट पर मिली। यह कब की है, पता नहीं चला। कुछ खबरों में इसे 20 साल पुराना बताया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी से इसकी जानकारी दे दी है। अब इसरो के एक अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में इस बात की पुष्टि कर दी है कि हां, यह हमारे पुराने PSLV रॉकेट का ही हिस्सा है।
क्या यह चंद्रयान-3 के रॉकेट का है? – विशालकाय कॉपर कलर का दिखने वाला यह रहस्यमय सिलेंडर इसरो से जुड़ा है। इसरो ने मंगलवार रात TOI को बताया कि यह पीएसएलवी रॉकेट का ही एक हिस्सा है। यह ऑस्ट्रेलिया कैसे पहुंच गया? इस जिज्ञासा को शांत करते हुए इसरो के सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘आमतौर पर PSLV दक्षिण दिशा की ओर ही लॉन्च किया जाता है। ऐसे में यह ऑस्ट्रेलिया की तरफ गिरा और वर्षों तक समुद्र में बहता रहा और अब किनारे आ गया।’ इसरो की इस पुष्टि से साफ हो गया है कि मलबा नया नहीं है और इसका 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 के रॉकेट से कोई कनेक्शन नहीं है। दरअसल, कई ट्वीट चंद्रयान-3 हैशटैग के साथ किए जाने लगे थे।
इससे पहले विचित्र सी दिखने वाली इस चीज को अंतरिक्ष कचरे का टुकड़ा घोषित कर दिया गया था। इंटरनेशनल मीडिया में एक स्पेस साइंटिस्ट ने कहा था कि यह वस्तु 20 साल पुराने भारतीय रॉकेट का एक टुकड़ा हो सकती है।
A mysterious object has washed up on a beach in Western Australia, prompting a police investigation.
— Al Jazeera English (@AJEnglish) July 18, 2023
Experts say the large cylinder could be from a rocket ⤵️
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