
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव देखने को मिल रहा है। इस बीच अंतरिम अफगान सरकार ने शनिवार को दावा किया है कि अमेरिकी मिलिट्री ड्रोन गश्त कर रहे हैं जो अफगानिस्तान के एयरस्पेस का उल्लंघन है। टोलो न्यूज के साथ बातचीत में तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, ‘ये विमान बिना किसी संदेह के अमेरिका के हैं, जो पड़ोसी देश के हवाई क्षेत्र से उड़ान भर रहे हैं और अफगानिस्तान में प्रवेश कर रहे हैं।’ उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि इस मामले में हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और आक्रामकता रोकना चाहिए। मुजाहिद ने इस बात पर भी जोर दिया कि तालिबान इस मुद्दे पर बार-बार विरोध जताता रहा है और अमेरिका से इसे गंभीरता से लेने को कहा है। इससे पहले भी ऐसी खबरें आती रही हैं कि कंधार और निमरोज में ड्रोन को गश्त करते देखा गया है। माना जा रहा है कि जबीहुल्ला मुजाहिद पाकिस्तान की बात कर रहे थे। क्योंकि लंबे समय से पाकिस्तान के बेस का इस्तेमाल अमेरिका करता रहा है।
क्या बोले एक्सपर्ट्स – रिपोर्ट में सुरक्षा मामलों के एक्सपर्ट अब्दुल वहीद ताकत ने इस विमानों की गश्त का जिक्र करते हुए कहा, ‘अगर आज दो विमान अफगान हवाई क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं तो यह कल बढ़ जाएंगे। फिर हो सकता है शायद बमवर्षक विमान आएंगे और अफगानिस्तान पर फिर कब्जा कर लिया जाएगा।’ सैन्य मामलों के एक्सपर्ट सरवर नियाजी ने कहा, ‘दुर्भाग्य से अफगानिस्तान में वायु रक्षा बलों और रडार की कमी है, इसलिए कोई भी देश चाहे तो तो अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर सकता है।’
तालिबान ने दी थी चेतावनी – अफगानिस्तान की सीमा में ड्रोन भेजने का सबसे सही रास्ता पाकिस्तान ही है। ईरान के साथ अमेरिका की दुश्मनी है, तो वहां से ड्रोन नहीं ही भेजा जा सकता। 2021 में अफगान तालिबान ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल यूएस मिलिट्री बेस के लिए न करने दे। तालिबान ने कहा था कि अगर ऐसा कदम दोबारा उठाया जाता है तो यह एक बड़ी और ऐतिहासिक गलती होगी। पाकिस्तान की तत्कालीन इमरान सरकार ने भी अमेरिका को बेस देने से मना किया था।
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