
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में कोहाला हाईड्रो प्रोजेक्ट को लेकर वहां के लोग इमरान खान सरकार के विरोध प्रदर्शन कर रहे है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग सडक़ पर उतर गए हैं। लोग प्रोजेक्ट के विरोध में हैं और चीनी कंपनियों के इसमें शामिल होने का विरोध करने के लिए सडक़ों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यह परियोजना चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत बना रहा और स्थानीय लोगों का आरोप है कि इसके लिए यहां अमानवीय परिस्थितियां तैयार की जा रही है ताकि भूमि और संसाधन का सरकार जल्द ही अधिग्रहण कर सके।
लोगों का मानना है कि इस्लामाबाद में अपने खजाने को भरने और इस क्षेत्र के भूमि और संसाधनों पर विशेषाधिकार रखने वाले स्वदेशी लोगों को कुछ भी वापस करने के लिए पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले सालों के लंबे आर्थिक मान्यताओं का यह संकेत है। जबकि पाकिस्तान ने इस परियोजना को सीपीईसी के तहत विकास और समृद्धि की परियोजना बताया है। सच्चाई यह है कि पाकिस्तान इस अवैध क्षेत्र को बीजिंग में बैठे अपने मालिकों को बेच रहा है।
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा, जम्मू-कश्मीर के भारत वाले हिस्से में हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है। हमें इसको भी लोगों के सामने रखना चाहिए क्योंकि इसका पीओके पर कट्टरपंथी असर पड़ता है। पाकिस्तान वाले हिस्से में मुद्दा यह है कि वहां जनसांख्यिकी को पूरी तरह से बदल दिया गया है।
रावत ने आगे कहा, पाकिस्तान ने काफी चालाकी से तथाकथित पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान की जनसांख्यिकी बदल दी है इससे हर कोई असमंजस में है कि असल कशमीरी कौन है और वहां के मुद्दों के लेकर किससे बात करनी होगी।
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