
भारत के खिलाफ तिकड़ी बना चुके पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान का मोदी सरकार ने अब तोड़ निकाल लिया है। पीएम मोदी ने करीब 40 साल बाद ग्रीस की यात्रा की है, वहीं भारत ने आर्मीनिया को पिनाका रॉकेट से लेकर घातक तोपों की सप्लाई कर रहा है। ग्रीस और आर्मीनिया दोनों ही देशों की तुर्की के साथ दुश्मनी है। ग्रीस के समुद्री इलाके पर तुर्की अपना जबरन दावा करता है और अक्सर डराता रहता है। वहीं आर्मीनिया के दुश्मन अजरबैजान को घातक ड्रोन की सप्लाइ कर रहा है। तुर्की और अजरबैजान अक्सर पाकिस्तान के समर्थन में कश्मीर को लेकर जहरीले बयान देते रहते हैं।
पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान के इस गठजोड़ को अब भारत ने करारा जवाब देना शुरू कर दिया है। भारत ने आर्मीनिया को रेडॉर से लेकर पिनाका रॉकेट तक की सप्लाइ शुरू कर दी है। यही नहीं अब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आर्मीनिया के अपने समकक्ष अर्मेन ग्रिगोरयान से मुलाकात की है। भारत के ‘जेम्स बांड’ कहे जाने वाले डोभाल ने अपने आर्मीनिया के साथ रणनीतिक भागीदारी और अंतरिक्ष में सहयोग पर बात की है। यही नहीं दोनों के बीच आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर बातचीत हुई है।
आर्मीनिया को हथियार, भड़का अजरबैजान – भारत की नगर्नो-कराबाख संघर्ष पर इसलिए नजर है क्योंकि आर्मीनिया अब भारतीय हथियारों का इस्तेमाल करने जा रहा है। आर्मीनिया को इन घातक भारतीय हथियारों की सप्लाइ ईरान के रास्ते हो रही है। भारत के आर्मीनिया को हथियार देने पर अजरबैजान बुरी तरह से भड़का हुआ है। आर्मीनिया के एनएसए ने पिछले साल भी भारत की यात्रा की थी और सुरक्षा समझौतों को तेजी से लागू करने की गुहार लगाई थी। इसके बाद भारत ने आर्मीनिया को पिछले कुछ दिनों कई हथियार भेजे हैं।
हाल ही में कथित रूप से भारतीय हथियारों का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जो ईरान के रास्ते आर्मीनिया जा रहा था। बताया जा रहा है कि डोभाल और आर्मीनिया के एनएसए के बीच मुलाकात के दौरान भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के चीफ भी मौजूद थे। आर्मीनिया के एनएसए की यह भारत यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब नागोर्नो-काराबाख़ एक बार फिर से बहुत तेजी से सुलग रहा है। रूस के यूक्रेन युद्ध में फंसने के बाद आर्मीनिया और अजरबैजान की सेना के बीच अक्सर झड़प हो रही है। अजरबैजान रूसी शांतिरक्षक सेना के आदेश भी नहीं मान रहा है।
यही नहीं अजरबैजान पर आरोप है कि उसने नागोर्नो-काराबाख़ में मानवीय सप्लाइ को भी रोक दिया है। आर्मीनिया के साथ-साथ ग्रीस के संग भी भारत अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है। भारत और ग्रीस के बीच रणनीतिक भागीदारी शुरू हो गई है। भारत के इस प्रयास को तुर्की-पाकिस्तान-अजरबैजान की कुटिल चाल को फेल करने की कोशिश माना जा रहा है। ड्रोन के बाद अब तुर्की पाकिस्तान और अजरबैजान के साथ मिलकर घातक फाइटर जेट बनाने जा रहा है। यह भारत के लिए खतरनाक हो सकता है।
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