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कभी भारत के दोस्‍त फ्रांस के खिलाफ उगला था जहर, अब उसी के रहम-ओ-करम पर पाकिस्‍तान, जानिए सारा मामला


फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने कहा है कि वह मुश्किल में फंसे पाकिस्‍तान की मदद कर सकते हैं। मैंक्रो के मुताबिक वह दुनिया के वित्‍तीय संस्‍थानों से वार्ता कर सकते हैं ताकि संकटग्रस्‍त पाकिस्‍तान को जल्‍द से जल्‍द आर्थिक मदद मिल सके। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों जेनेवा में हैं और वह यहां पर संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) के एक सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए पहुंचे हैं। शहबाज का मकसद यहां पर आए देशों के सामने मदद की झोली फैलाना है। दिलचस्‍प बात है कि फ्रांस के साथ पाकिस्‍तान के रिश्‍ते अक्‍टूबर 2020 से ही काफी तनावपूर्ण हैं।
राष्‍ट्रपति मैंक्रों ने किया वादा – पाकिस्‍तान, यूएन के साथ मिलकर एक इंटरनेशनल कॉन्‍फ्रेंस की मेजबानी कर रहा है। इस कॉन्‍फ्रेंस का मकसद बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित पाकिस्‍तान के लिए आर्थिक मदद जुटाना है। सितंबर 2022 में आई भयानक बाढ़ ने पाकिस्‍तान में सबकुछ चौपट कर दिया है। मैंको ने कहा है कि फ्रांस, पाकिस्‍तान के लिए कुछ आर्थिक मदद जुटाने में मददगार साबित हो सकता है। जेनेवा में होने वाले कार्यक्रम को वीडियो कॉन्‍फ्रेंस से संबोधित करते मैंक्रो ने यह बात कही। मैंक्रो ने वादा किया है कि बाढ़ से उबरने के लिए उनके देश की तरफ से 360 मिलियन यूरो की मदद भी की जाएगी।
पाकिस्‍तान में आई बाढ़ के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्‍मेदार माना गया था। पहले से ही डूब चुकी पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को इस बाढ़ ने तबाह कर दिया। इस आपदा की वजह से करीब 80 लाख लोग बेघर हो गए और 1700 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं माना जा रहा है कि बाढ़ ने देश को 16 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान भी पहुंचाया।
IMF की भी मदद नहीं मिली – इस कॉन्‍फ्रेंस से अलग पाकिस्‍तान के वित्‍त मंत्री इश्‍हाक डार ने अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। वहीं पीएम शहबाज ने भी संगठन की मुखिया क्रिस्टिना जियारेगाइवा के साथ मीटिंग की। आईएमएफ की तरफ से अभी तक पाकिस्‍तान को सिर्फ आधी मदद ही मिल सकी है। पाकिस्‍तान ने आईएमएफ से छह अरब डॉलर की मदद मांगी थी। अभी तक इस मदद में 1.1 अरब डॉलर की मंजूरी नहीं मिली है। यह रकम नवंबर में ही मिल जानी थी।
दो साल पहले बिगड़ रिश्‍ते – पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल में फ्रांस के साथ रिश्‍ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे। अक्‍टूबर 2020 में इमरान ने फ्रेंच राष्‍ट्रपति मैंक्रो पर इस्‍लाम पर हमला करने का आरोप लगाया था। उन्‍होंने कहा था कि मैंक्रो इस्‍लामोफोबिया को बढ़ावा दे रहे हैं। दरअसल एक स्‍कूल टीचर की हत्‍या के बाद से दोनों देशों के रिश्‍ते काफी बदल गए थे। इस टीचर की हत्‍या में एक पाकिस्‍तानी शख्‍स का हाथ था। इसके बाद पाकिस्‍तान ने फ्रांस से इस्‍लामिक मूल्‍यों का सम्‍मान करने की सलाह दी थी। यहां तक कि पाकिस्‍तान ने फ्रांस की राजधानी पेरिस से अपने राजदूत को भी वापस बुला लिया था। अब यह पाकिस्‍तान की मजबूरी है या कुछ और कि जिस देश के साथ वह कभी रिश्‍ते तोड़ना चाहता था, अब उसी से मदद लेने को बेताब है।