
कश्मीरी आतंकवादियों को पालने वाले पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने एक बार फिर से भारत के खिलाफ जहरीले बयान दिए हैं। अल्वी ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारत हमारे पड़ोसी देश अफगानिस्तान में उग्रवाद और आतंकवाद को समर्थन दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ ‘हाइब्रिड’ युद्ध के लिए कर रहा है। पाक राष्ट्रपति ने दावा किया कि भारत ऐसा पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए कर रहा है।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि हाल ही में लाहौर के जोहर टाउन में स्थित लश्कर संस्थापक हाफिज सईद के घर के बाहर धमाका भारत के समर्थन से करवाया गया था। हाफिज सईद 2008 मुंबई आतंकवादी हमले का साजिशकर्ता और प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा का सरगना है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत, पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए देश में आतंकवादी गतिविधियां करवा रहा है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के आरोपों का खंडन किया : इससे पहले भी अल्वी ने भारत पर पाकिस्तानी जमीन आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के इन आरोपों का जोरदार तरीके से खंडन किया था। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों में भारत का हाथ होने का कथित सबूत के दावे काल्पनिक बात हैं। अल्वी ने अपने ताजा बयान में कहा, ‘भारत उग्रवादी संगठनों को पैसे देकर पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए साजिश कर रहा है।’
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने पिछले दिनों तुर्की के सेना प्रमुख जनरल उमित दुंदार के साथ एक मुलाकात के बाद भी भारत के खिलाफ कई जहरीले आरोप लगाए थे। अल्वी ने दावा किया कि भारत पाकिस्तान में अफगानिस्तान के रास्ते आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। आतंकवादियों को प्रशिक्षण और पैसे दे रहा है। उन्होंने जनरल उमित से पाकिस्तान की मदद करने का आह्वान किया। पाकिस्तानी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब तुर्की और पाकिस्तान मिलकर कई गुप्त रक्षा सहयोग कार्यक्रम चला रहे हैं।
कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने का भी मुद्दा उठाया : अल्वी ने कहा कि भारत में परमाणु बम में इस्तेमाल होने वाले यूरेनियम का अवैध व्यापार होता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय इस पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने का भी मुद्दा उठाया। पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान तुर्की के साथ मिलकर दोनों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि व्यापार, रक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में व्यापक अवसर मौजूद हैं।
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