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पोखरा एयरपोर्ट नेपाल के लिए बना गले की हड्डी, कमाई एक पैसा नहीं, चीन को लौटाना होगा अरबों का कर्ज


नेपाल में चीन के राजदूत चेंग सोंग और नेपाली पत्रकार गजेंद्र बुधाठोकी के बीच सोशल मीडिया पर हुए विवाद से एक बार फिर से पोखरा एयरपोर्ट विवादों में आ गया है। नेपाली पत्रकार गजेंद्र बुधाठोकी ने खुलासा किया है कि पोखरा एयरपोर्ट के लिए नेपाल को पहले बताई गई ब्‍याज दर से ज्‍यादा पैसा चीन के बैंक को देना होगा। उन्‍होंने कहा कि चीन और नेपाल के बीच साइन किए गए दस्‍तावेज में कहा गया है कि कुल 21 करोड़ 59 लाख डॉलर का कर्ज पोखरा एयरपोर्ट के लिए लिया गया है। गजेंद्र ने बताया कि इस लोन को पहले बताया गया था कि दो प्रत‍िशत ब्‍याज चुकाना होगा लेकिन अब सरकारी दस्‍तावेजों से खुलासा हुआ है कि 5 फीसदी ब्‍याज नेपाल को चुकाना होगा। पोखरा एयरपोर्ट बनकर तैयार है लेकिन अभी तक कोई भी व्‍यवसायिक उड़ान इस एयरपोर्ट पर नहीं उतरी है जिससे नेपाल को कोई कमाई नहीं हो रही है।
इससे पोखरा एयरपोर्ट अब नेपाल के लिए व‍ित्‍तीय संकट का सबब बन गया है। पोखरा एयरपोर्ट के इत‍िहास पर नजर डालें तो गजेंद्र के मुताबिक साल 2000 में पोखरा में इंटरनैशनल एयरपोर्ट बनाने पर चर्चा शुरू हुई थी। जापान की एजेंसी जायका ने अनुमान लगाया था कि इस एयरपोर्ट को दो फेज में बनाने पर 8 करोड़ 50 लाख डॉलर की लागत आएगी। वहीं साल 2013 में नेपाल की ओर से किए गए एक अध्‍ययन में कहा गया कि इस पर 22 करोड़ 80 लाख डॉलर का खर्च आएगा। उसने यह भी कहा कि अगर एयरपोर्ट में कुछ सुविधाएं नहीं दी जाएं तो इसे 16 करोड़ 70 लाख डॉलर में बनाया जा सकता है।
नेपाल ने चीन के बैंक से लिया करोड़ों डॉलर का कर्ज – वहीं अगस्‍त 2013 में इस प्रॉजेक्‍ट में चीन की कंपनी की एंट्री होती है और उसने कहा कि एयरपोर्ट को बनाने में 26 करोड़ 40 लाख डॉलर का खर्च आएगा। चीनी कंपनी ने बाद में इसे बढ़ाकर 30 करोड़ 50 लाख डॉलर कर दिया। नेपाल की ओर से जब इस एयरपोर्ट में आने वाले खर्च के अनुमान पर आपत्ति जताई गई तो चीनी कंपनी ने इस खर्च का अनुमान घटाकर 22 करोड़ डॉलर से 30 करोड़ डॉलर कर दिया। इसके बाद नेपाल ने चीन के एग्जिम बैंक से 21 करोड़ 60 लाख डॉलर का लोन लिया गया। इसमें 25 प्रत‍िशत रिआयती दर पर तो 75 फीसदी लोन 2 प्रत‍िशत की ब्‍याज दर द‍िया गया।
पोखरा एयरपोर्ट को बनाने का ठेका चीन की कंपनी सीएएमसी इंजीनियरिंग को साल 2016 में दिया गया। साल 2023 में यह एयरपोर्ट बनकर तैयार हो गया है और उद्धाटन भी हो गया लेकिन अब उसे कोई भी फ्लाइट नहीं उतरने की वजह से व‍ित्‍तीय संकट झेलना पड़ रहा है। यही नहीं नेपाल को 2 नहीं बल्कि 5 प्रत‍िशत की दर से चीनी लोन पर ब्‍याज भी देना होगा। इस एयरपोर्ट को चीन ने बहुत तामझाम के साथ दुनिया के सामने पेश किया था लेकिन अब यह नेपाल क लिए सफेद हाथी बन गया है। यही नहीं इस एयरपोर्ट को लेकर एक और विवाद यह है कि चीन इसे व‍िवादित बीआरआई प्रॉजेक्‍ट का हिस्‍सा बताता है लेकिन नेपाल इसका खंडन करता है।