
चीन ने मंगलवार को कहा कि इस हफ्ते शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विदेश यात्रा को ‘सुरक्षित और सफल’ बनाने को लेकर यह संबद्ध देशों के साथ काम कर रहा है। शी, दो साल से अधिक समय पहले कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत होने के बाद से पहली बार विदेश यात्रा पर जा रहे हैं।
शी बुधवार को कजाखस्तान की यात्रा करेंगे, जहां वह अपने समकक्ष कासिम-जोमार्त तोकायेव के साथ वार्ता करेंगे। बाद में, पड़ोसी देश उज्बेकिस्तान में समरकंद की यात्रा करेंगे, जहां वह 15-16 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। एससीओ का मुख्यालय बीजिंग में है। यह आठ देशों का आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसमें चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने वाले हैं। सम्मेलन से इतर शी, पुतिन और कई अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। हालांकि, बीजिंग ने समरकंद में शी के कार्यक्रम की अब तक आधिकारिक घोषणा नहीं की है। लोगों का ध्यान इस ओर है कि दो साल से भी अधिक समय बाद शी की पहली विदेश यात्रा के दौरान क्या कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा और क्या वह अपनी वापसी पर अनिवार्य पृथकवास में रहेंगे।
मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि कोविड-19 से उन्हें बचाने के लिए चीन क्या कदम उठा रहा है और क्या वह वापसी पर बीजिंग के अनिवार्य पृथकवास नियमों का पालन करेंगे, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि बीजिंग उनकी यात्रा को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए संबद्ध देशों के साथ काम कर रहा है।
‘शून्य कोविड’ नीति से जुड़े नियमों के तहत चीन की यात्रा करने वाले लोगों को आगमन पर निर्धारित केंद्रों में सात दिनों के अनिवार्य पृथक वास में रहना होता है और इसके बाद तीन दिनों तक घर में रहना पड़ता है। शी (69) ने महामारी से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को लेकर जनवरी 2020 से विदेश यात्रा नहीं की है। वह अपनी अंतिम विदेश यात्रा पर म्यांमा गये थे।
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