
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का निजी ट्विटर अकाउंड स्थायी रूप से बंद कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने देश के राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कंपनी के खिलाफ डेमोक्रैट्स और लेफ्ट खेमे के साथ मिलकर फ्री स्पीच को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाया। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह जल्द ही अपना नया प्लैटफॉर्म तैयार करने के बारे में सोच रहे हैं। हालांकि, ये सभी ट्वीट कुछ ही मिनटों में डिलीट कर दिए गए।
‘ट्विटर ने बंद किया अकाउंट’ : बीते बुधवार देश की संसद के बाहर हुई हिंसा के बाद ट्विटर ने ट्रंप का अकाउंट स्थायी रूप से बंद कर दिया था। कंपनी ने साफ कहा था कि और हिंसा की आशंका को देखते हुए ट्रंप का अकाउंट बंद कर दिया गया है। इसके बाद ट्रंप ने देश के राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर ट्विटर पर हमला बोला।
उन्होंने लिखा, ‘मैं लंबे वक्त से कहता आया हूं कि ट्विटर फ्री स्पीच को बैन कर रहा है और आज उन्होंने डेमोक्रैट और कट्टर लेफ्ट के साथ मिलकर मुझे चुप करने के लिए मेरे अकाउंट को बंद कर दिया।’ उनके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर पहले ही दो हफ्तों या अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लग चुका है।
‘अपना प्लैटफॉर्म बनाने पर विचार’ : ट्रंप ने आगे लिखा ट्विटर प्राइवेट कंपनी होगी लेकिन बिना सरकार के धारा 230 के तोहफे के वह ज्यादा वक्त तक टिक नहीं सकेगी। ट्रंप का कहना है कि उन्हें पहले ही पता था कि यह होगा और वह पहले से दूसरी साइट्स से बात कर रहे हैं और जल्द ही बड़ा ऐलान किया जाएगा। निकट भविष्य में अपना खुद का प्लैटफॉर्म बनाने की संभावनाओं को देखा जा रहा है।
ट्रंप समर्थक कैपिटल हिल इमारत के सामने कई बार पुलिस से भिड़ गए और कई लोग संसद के अंदर भी घुसने में सफल हो गए। इसी बीच संसद के अंदर अफरातफरी का माहौल हो गया और कई सांसदों को सदन के अंदर से अपना काम छोड़कर भागना पड़ा। वहीं सीनेट के दरवाजे को सुरक्षित तरीक से बंद कर दिया गया। बताया जा रहा है कि सांसदों को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें अमेरिकी सेना के एक शिविर में ले जाया गया। अमेरिका में दो बजे दोपहर में सीनेट के अंदर एरिजोना के इलेक्टोरल वोट को लेकर ट्रंप समर्थकों की आपत्ति पर बहस हो रही थी। इसी बीच यह सुनाई दिया कि प्रदर्शनकारी घुस आए हैं और वे सीनेट के चेंबर के बाहर हैं। इसके बाद बहस को रोक दिया गया। प्रदर्शनकारी सीनेट के तीसरे फ्लोर तक पहुंच गए और इस दौरान वे जमकर नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए सुरक्षाकर्मियों को बंदूक ताननी पड़ी।
इस बीच ट्विटर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट बुधवार को 12 घंटे के लिए बैन कर दिया। ट्रंप अपने समर्थकों के संसद के अंदर घुसने पर लगातार चुनाव को लेकर झूठे बयान दे रहे थे। इससे पहले ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब ने डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के सभी छोटे-छोटे वीडियो हटा दिए। इन वीडियो वे अपने समर्थकों से घर जाने के लिए तो कह रहे थे लेकिन यह भी आरोप लगा रहे थे कि राष्ट्रपति चुनाव में धांधली हुई है। ट्रंप ने यह वीडियो कैपिटल हिल बिल्डिंग में प्रदर्शनकारियों के घुसने के दो घंटे बाद पोस्ट किए थे। ट्विटर ने एक बयान जारी करके कहा कि वॉशिंगटन में चल रही हिंसक स्थिति के परिणाम स्वरूप डोनाल्ड ट्रंप के तीन ट्वीट्स को हटाने की जरूरत है, क्योंकि ये ट्वीट्स हमारी सिविक इंटीग्रिटी पॉलिसी का उल्लंघन करते हैं। ट्विटर ने कहा है कि इसका मतलब है कि इन ट्वीट्स को हटाने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प का अकाउंट 12 घंटे के लिए लॉक रहेगा। अगर ट्वीट नहीं हटाए गए, तो उनका ट्विटर एकाउंट लॉक ही रहेगा।
वहीं राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए जो बाइडन ने कहा है कि मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आह्वान करता हूं कि वह अपनी शपथ पूरी करें और संविधान की रक्षा करें और इस घेराबंदी को समाप्त करने की मांग करें। बाइडन ने कहा कि मैं साफ कर दूं कि कैपिटल बिल्डिंग पर जो हंगामा हमने देखा हम वैसे नहीं हैं। ये कानून न मानने वाले की छोटी संख्या है। बाइडन ने कैपिटल बिल्डिंग पर हुए हंगामे को राजद्रोह करार दिया। उधर, अमेरिका एक अन्य प्रमुख डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता बर्नी सैंडर्स ने कहा कि एक ऐसा राष्ट्रपति जो 70 लाख वोटों से हार गया और झूठ की आड़ में अब गृह युद्ध की तैयारी कर रहा है। मैंने अपनी जिंदगी में ऐसा कभी नहीं देखा। ये तस्वीरें अमेरिकी इतिहास पर धब्बा है। इस बीच रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर मैक्कॉनल ने हिंसा की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘हम धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। चाहे वो सिविल वार ही क्यों न हो, हमारे लोकतंत्र का पहिया कभी रुका नहीं। आज लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की कोशिश की गई है। विद्रोह की आग जलाने की कोशिश की गई है। अमेरिका लोगों के फ्री चॉइस से चला है, चल रहा है और चलता रहेगा। हम राष्ट्रपति बदलने की प्रक्रिया कानूनी रुप से ही पूरा करेंगे। आपराधिक रवैया हमारे संकल्प को डिगा नहीं सकता।’
अमेरिका के लोकतंत्र का प्रतीक कही जाने वाली कैपिटल हिल बिल्डिंग में हिंसा में एक महिला की मौत हो गई है जबकि कई लोग घायल हुए हैं। यही नहीं इस हिंसा से जो बाइडेन के राष्ट्रपति चुनने की संवैधानिक प्रक्रिया भी रुक गई। हालांकि बाद में सुरक्षाबलों के आने पर इसे फिर से शुरू कराया गया। बताया जा रहा है कि भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पुलिसकर्मी कम पड़ गए और हजारों की तादाद में भीड़ अमेरिकी लोकतंत्र के मंदिर में घुस गई। संसद में इलेक्टोरल वोटों को गिनने की प्रक्रिया चल रही थी। इस हिंसा के बाद संसद के दोनों ही सदनों को लॉकडाउन कर दिया गया। उप राष्ट्रपति माइक पेंस और अन्य सांसदों को सुरक्षित तरीक से निकाला गया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस हिंसा में एक महिला की मौत हो गई है। कई पुलिस अधिकारी भी बुरी तरह से घायल हुए हैं। राजधानी में कर्फ्यू की घोषणा के बाद भीड़ ने तितर-बितर होना शुरू किया। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। संसद की बैठक फिर से अब शुरू हो गई है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, कनाडा के पीएम समेत दुनियाभर के नेताओं ने इस हिंसा की निंदा की है। पूरी दुनिया में अमेरिका में गृहयुद्ध शुरू होने की आशंका से सहम गई।
हिंसा में 4 लोगों की मौत : आपको बता दें कि बुधवार को हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थकों ने देश की संसद कैपिटल पर हमला बोल दिया था। हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना की दुनियाभर में निंदा हुई थी और विश्व नेताओं ने दुख जताया था। बाद में ट्रंप ने यूएस कैपिटल (संसद) पर हमला करने वाले दंगाइयों को घर जाने की अपील करने से पहले ‘आई लव यू’ कहा था। इतना ही नहीं, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में धोखाधड़ी के अपने झूठे दावे भी दोहराए थे।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website