मंगल ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों ने एक बड़ी खोज की है। मंगल ग्रह पर नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने एक चट्टान को ड्रिल किया। इसमें पहली बार वैज्ञानिकों को प्राचीन जीवन के सबूत मिले हैं। इस चट्टान में कार्बनिक अणु और संरचनाएं हैं, जो माइक्रोबियल जीवन की ओर से बनाई गई होंगी।
मंगल ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों के मन में हमेशा से सवाल रहा है। नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर एक बड़ी खोज की है। इससे लाल ग्रह पर प्राचीन जीवन के प्रमाण मिले हैं। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार रोवर ने हाल ही में एक दिलचस्प चट्टान के नमूनों की खोज की है। इसका नाम ‘चेयावा फॉल्स’ है, जिसमें कार्बनिक अणु और संरचनाएं हैं, जो माइक्रोबियल जीवन की ओर से बनाई गई हो सकती हैं। यह चट्टान एक प्राचीन नदी घाटी में पाई गई थी, जिससे पता चलता है कि यह ग्रह कभी जीवन को समर्थन करने वाला रहा होगा।
नासा ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘चट्टान केमिकल सिग्नेचर और संरचनाओं को प्रदर्शित करती है जो संभवतः अरबों साल पहले जीवन की ओर से बनाई गई हो सकती है। तब जिस इलाके में सैंपल लिए गए वहां पर पानी था।’ नासा की जेट प्रोपल्शन लैब की पर्सिवरेंस डिप्टी प्रोजेक्ट वैज्ञानिक केटी स्टैक मॉर्गन ने कहा, ‘हम यह नहीं कह सकते कि यह जीवन का संकेत है। लेकिन यह अब तक हमें मिला सबसे आकर्षक नमूना है।’ रोवर के रॉक कोर का नमूना 21 जुलाई को इकट्ठा किया गया था।
मंगल ग्रह पर सबसे बड़ी खोज – एक चौथाई किलोमीटर के चौड़ी एक प्राचीन नदी घाटी के किनारे पर यह मिला था। पत्थर की माप 3.2 फीट गुना 2 फीट है और इसका नाम ग्रांड कैन्यन झरने के नाम पर रखा गया था। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मिशन के परियोजना वैज्ञानिक केन फार्ले ने कहा कि चेयावा फॉल्स पर्सीवरेंस रोवर की ओर से अब तक जांच की गई सबसे रहस्यमय, जटिल और संभावित महत्वपूर्ण चट्टान थी। उन्होंने कहा, ‘चट्टान में कार्बनिक पदार्थ की सम्मोहक खोज हुई है। इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि जीवन के लिए आवश्यक पानी चट्टान से होकर गुजरा था।’