
वॉशिंगटनः रूस से संभावित मिलीभगत का शक अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सलाहकार जॉर्ज पापाडोपुलस को शुक्रवार को 14 दिन जेल की सजा सुनाई गई। जांच के दौरान लंदन के एक क्लब में उसकी मौजूदगी मिली थी। एफबीआई ने पूछताछ की तो उसने झूठ भी बोला। इस मामले की सुनवाई अमरीकी जज रूडोल्फ मॉस ने की। उन्होंने विदेश नीति का उल्लंघन करने पर जॉर्ज पापाडोपुलस को दोषी करार दिया। कोर्ट ने टिप्पणी की कि जांच के दौरान झूठ बोलना देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।
वॉशिंगटन कोर्ट में सुनवाई के दौरान पापाडोपुलस ने कहा कि वह देशभक्त अमरीकन था, लेकिन झूठ बोलकर उसने गलती की दी। इसका नतीजा उसे अब भुगतना पड़ रहा है। पापाडोपुलस ने गुनाह कबूल करते हुए कहा कि अक्तूबर 2017 में पूछताछ के दौरान उसने मॉस्को में हुई मुलाकात की टाइमिंग गलत बताई थी। 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की बात सामने आने के बाद सबसे पहले पापाडोपुलस को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने उसे 12 महीने के लिए नौकरी से निलंबित किया। साथ ही, 200 घंटे की सामाजिक सेवा और साढ़े नौ हजार डॉलर (6.85 लाख रुपए) का जुर्माना लगाया।
पापाडोपुलस ने कहा कि उसकी पूरी जिंदगी ही पलट गई, लेकिन दूसरे मौके से वह खुद में सुधार लाएगा। लंदन बेस्ड पेट्रोलियम विशेषज्ञ जॉर्ज पापाडोपुलस मार्च 2016 में ट्रंप के चुनावी अभियान से विदेश नीति सलाहकार के रूप में जुड़े थे। जल्द ही, उसकी गतिविधियां संदेहास्पद पाई गईं। पापाडोपुलस ने कोर्ट में बयान दिया कि रूस हजारों ईमेल के माध्यम से इस मामले का आरोप ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन डालना चाहता था। वहीं, ट्रंप के चुनावी अभियान में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने नवंबर 2016 में उसकी मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कराने की कोशिश की थी।
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